QUOTES ON #माहोल

#माहोल quotes

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उत्साह जकडता जा रहा है।
आलस पांव फैला रहा है।
खुशियां भी सिमट रही हैं।
इंसान की इंसानियत बट रही है।
सब खुद की सांसो के लिए स्वार्थी बन बैठे हैं।
नेकियों को जैसे दिल से निकाल ही फेका है।
चार दीवारों में कैद हैं सांसे...
सांसो की ही हिफाजत के लिए।
बाहर अंधकार ही अंधकार छाया है।
चीख पुकार का मंजर देखो फिर से आया है।
राहे सन्नाटे से पसरी पड़ी है।
जीवन की रफ्तार फिर से धीमी पड़ी है।
मौत का पैगाम लाखों के नाम लिख कर आया है।
जहां देखो सिर्फ अंधकार ही अंधकार छाया है।
फिलहाल मंजिले सारी धुंधली नजर आ रही हैं।
भविष्य की उज्जवलता पर भी धुंध मडरा रही है।
सफलता की घड़ियां भी हाथ से छूटती जा रही है।
अशमजस चित् को खोखला बना रही है।
चारों तरफ निराशा ही निराशा खामोशी से
शोर मचा रही है।
बस आश टूटती जा रही है आश टूटती जा रही है।

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आज माहोल कुछ ऐसा बना हैं..
हसीनाओ की बस्ती में,ये दिवाणा अकेला हैं..!❣️

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5 DEC 2021 AT 14:41

दर्द सीने में छुपाए रखता हूं, इस माहौल को मैं बनाए रखता हूं, मौत आती है आज भी मिलने, पर उसे बातों में लगाए रखता हूं।।

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14 SEP 2021 AT 23:20

घर में खुशहाली का माहोल है,
मुझे छोड़ सबके चेहरों पर एक चमक सी है,
लेकिन कोई पूछे मेरे दिल से की उसे आज भी इंतजार है उसका,
वो जो आने का वादा करके मेरी खुशियों को अपने साथ ही ले गया है।

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29 MAY 2021 AT 11:03

माहोल कुछ यू हुआ
अपनो से सब बिछड़ रहे हैं,
गम कुछ ऐसा छाया
लोग यू तड़प रहे हैं।
ऐ खुदा!
कुछ तो रहम खा
देख, तेरी सन्तानें तुझे पुकार रही हैं।
ऐ खुदा!
हौसला दे हमें,
हम जीने का चाह खो रहे हैं।

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7 MAY 2021 AT 23:55

इश्क हो सकता है ,

बस माहोल होना चाहिए।

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21 JAN 2021 AT 0:48

शायराना मिज़ाज रखने वाले
हँसी ठिठोली भी कर सकते है
हाले दिल का क्या है जनाब
हँसी के बहाने
हम माहोल बदल सकते है।
©®☺️गौतमी सिद्धार्थ☺️(21/1/2021)

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26 JUL 2019 AT 13:06

दोस्तों आप जो भी फैसला लो
सोच समझकर लो क्योंकि गलत
फैसला का परिणाम गलत ही होता है।
लेकिन आपको वो गलत फैसला एक
जिंदगी कि सीख दे जाता है कि आप
आगे चलकर उस माहोल को समझकर
फैसला लें।

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13 JUN 2020 AT 19:45

हो गई क्या बला मिरे शहर को
रात-दिन 'माहोल-ए-तीरगी" का है.
..................आकाशमंगल

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14 MAR 2021 AT 19:13

कुछ परिंदे इसलिए बेचैन है मनन के माहोल में बदलाव आया है, ये सहचरी का शहर नहीं तो जंगल भी नहीं है , बांहे खोल दिलों से दिल मिला के जो तुझसे बेजार सा है कोई गैर तो नहीं ।।

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