Pradeep t   (मनन)
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मनन अल्फाज़ तेरे दिल की तस्वीर हैं।।
Joined 31 July 2018


मनन अल्फाज़ तेरे दिल की तस्वीर हैं।।
Joined 31 July 2018
10 APR AT 8:30

मुझे बता दे ए दिल के मेरा कुसूर क्या , जब दिल ही न मिले तो इससे दूर क्या है , मामला सिर्फ मेरी मुहोब्बत का ही नहीं , जब वो माने ही ना मनन तो इससे
फिजूल क्या हैं।।

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29 MAR AT 21:22

मेरा सब्र, फितूर सब नापा उन्होंने,फिर भी मुहोब्बत में पराया कर दिया मुझको , मैं उनकी ज़िंदगी का सुनहरा लम्हा हो सकता था , नादानी में यूं ही ज़ाया कर दिया मुझको ।।

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10 MAR AT 13:11

मनन मैंने मासूम ख्वाहिशों को फितूर बनते देखा है , नादानियों में हुई गलतियों को कुसूर बनते देखा है , रिश्तों में लगी खरोचों को नासूर बनते देखा है , कहने को तो पैसा बेजान कागज़ सा है, मनन हमने इसे लोगों के सर चढ़े का गुरूर बनते देखा है ।।

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8 MAR AT 9:44

In case I never told you this ,My world is wonderful because you are there

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26 JAN AT 14:31

वो मुहोब्बत के चार किस्से सुनकर खुद को मजनू कहने लगे मनन और हमनें अपना कतरा कतरा बहा दिया उनकी मुस्कुराहट की खातिर और आज तक दोस्त भी न हुए ।।

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20 NOV 2023 AT 10:59

थक हार के आखिर सो ही जाता है
शरीर तो मनन लेकिन इस
नन्हे से दिल को भी इक बिछौना चाहिए
कहने को तो सारी ज़मीन है अपने लिए
पर एहसासों को सुकून का इक कोना चाहिए
मुस्कुराता रहे हर कोई यही दुआ है मेरी ,
पर जब दर्द से गुज़र जाए तो थोड़ा रोना भी चाहिए
आज फिर वो मिले मुझसे मुस्कुराते हुए
लगता है फिर उन्हें मेरे दिल का खिलौना चाहिए ।।
दर्द जब हद्द से गुजर जाए मनन तो थोड़ा रोना चाहिए ।।

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14 NOV 2023 AT 9:29

वो नसीहतों का ,रिश्तों में कश्मकश का दौर मनन, आज पलट के देखता हूं तो दर्द से काश निकल जाता है । मां बाप सर पे थे तो जिंदगी थी अब तो सिर्फ लबों से काश निकल जाता है , मां की गोद में सर रख कर सो जाता था , पापा को डर से गले न लगा पाने पर अब सिर्फ काश निकल जाता है ।। ऐसा नहीं है के ज़िंदगी में सिर्फ रुसवाईयां ही हैं , अपने अंदर चुप बैठे उस बच्चे का वो अधूरा सा एहसास निकल आता है ।। अब जब भी मुड़ के देखता हूं जिंदगी ,लबों से सिर्फ काश निकल जाता है ।।

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5 NOV 2023 AT 10:28

वो दर्द और जमा कर लेते हैं , जो दर्द बयां नहीं करते , कौन कहता है के आसमां रोया नहीं करते । मनन धरती भी अपना हरियाली खो देती है जब आसमां अपनी पीर से उन्हें भिगोया नहीं करते ।। कौन कहता है के आसमां रोया नहीं करते ।। कोई छुप छुप के आंसु बहाता है और कुछ लोग भीगे सरहानों पे रात भर सोया नहीं करते ।कौन कहता है के आसमां रोया नहीं करते।।

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20 AUG 2023 AT 8:33

नाप लिया फासला तेरे दिल से अपने दिल का मनन , थोड़ी सी दूरी है वो भी ज़िद भर की !!
pradeep c ghai 20 aug 2017

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16 AUG 2023 AT 7:50

वो जो अब मेरा ज़िक्र भी नहीं करते मनन, कभी उनकी हर रात हमारे नाम होती थी ।
बहुत खुशी से वो लिया करते थे मेरा नाम सरे महफ़िल ,तब उनकी हर लम्हें में बसी चाहत मेरे नाम होती थी ।।

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