❀ holy _shayar ❀ 21 MAR 2020 AT 5:29 रोज़ सुबह जब खुलती नींदसूरज की भीनी धूप के साथ,मैं चाय बनाकर तुम्हे जगाकरतुम्हारा चेहरा देखना चाहता था...थाम तुम्हारा हाथमैं सारी दुनिया घूमना चाहता था,रख तुम्हारी बाहों में सरमैं बेफिक्र सोना चाहता था... - Abhay 18 MAR 2020 AT 18:11 .... - vaishali Chaudhary 19 MAR 2020 AT 5:12 तुम्हें मालूम है मगर फिर भी अनजान बने बैठे हो,शिकायतों से भरा पड़ा है दिल मेरा, तुम फिर भी मेरे चरित्र पर सवाल उठा बैठे हो - N S Roy 25 APR 2020 AT 9:52 उस बेवफा के दिल से निकाला जा चुका हूंसभी ख्वाहिश को दफना चुका हूंमुश्किल नही है गिरकर उठनाउसका क्या को जो मेरी नजरो से गिर चुकी हो।वो सोचकर आई थी कि मै उसके आशुओं को देखकर पिघल जाऊंगा।कोई तो यारो उसे बताओ कि वो मेरे दिलो दिमाग से निकल चुकी हैजिद थी मुझे उसे सपनो के घर में रखने कि कमबख्त सवेरे ने मुझे नीद से जल्दी उठा दिया। - Nitin Dutt Kushwah 18 MAR 2020 AT 16:09 माँ की भावनाआें का कैसा भाव है ,पिता का खुश रहना सिर्फ दिखाव है ,तुम्हें मालूम है...उस माँ ने कितने दर्द उठाए हैं ,उस पिता ने कितने सपने लुटाए हैं ,तुम्हें मालूम है...पिता के दिल में कितना दुःख है ,उस माँ का दिल कितना नाजुक है ,तुम्हें मालूम है...उस प्यारी माँ का प्यार तो सबको दिखता है ,उस पिता का गुस्सा भी तो लाखों में बिकता है ,तुम्हें मालूम है... - कमल जोशी 22 SEP 2020 AT 19:10 भला मालूम किसे है,ये दुनिया बनी है,किसके लिए,किसे पता,कौन यहाँ आया है,किसके लिए,देखों क़िस्मत यहाँ,हर घड़ी बदलती है,किसके लिए,छोड़ भी जाते है लोग,किसके लिए,फिर भला उम्र भर का,ये अनजान सफ़र,किसके लिए!! - Arif Alvi 18 MAR 2020 AT 14:36 अपनों से आज़ाद हूँ, तुम्हें मालूम हैअपनों से बर्बाद हूँ, तुम्हें मालूम हैहिन्दुस्तान कहलाता हूँ सबके साथअपनों से आबाद हूँ, तुम्हें मालूम हैतुम ही समझ सकते हो मेरी ताक़तअपनों से फ़ौलाद हूँ, तुम्हें मालूम हैअलग-अलग नाम हैं मेरे "आरिफ़"तभी मैं आदर्शवाद हूँ, तुम्हें मालूम है"कोरा काग़ज़" न समझना मुझे कभीकलम का राष्ट्रवाद हूँ, तुम्हें मालूम है - Roohaanealfaaz 18 MAR 2020 AT 14:51 अन्दर से खोखला हो चूका हू मैबाहर सिर्फ एक पुतला सा हू मैदिल दे चूका हू मै तुमको पहले हीअब सांसें देने को राजी हू मै - Lokesh Potter ❤ 18 MAR 2020 AT 13:47 बड़ी आसानी से कह दिया,खत्म करते हैं रिश्ता,कितनी मुश्किल होगी मुझे भूलने मेंतुम्हें मालूम है,बड़ी आसानी से भेज दियाअपने मिलने की जगह से,कितनी महफ़िल गमगीन होगी मेरीतुम्हे मालूम है, - Sagar 18 MAR 2020 AT 14:48 जब भी हम किसी का खत एहतियातन पढ़ते है और जहां कहीं भी शब्द "वफ़ा" आ जाता है तो हमे तुम याद आ जाते हो । सागर 'अजनबी' -