उन्हें कहो दर्द सहने के क़ाबिल तो बनें
गर बराबर हमारे दर्द मिला मारे जाओगे-
ये जो फलक पर,
इतने तारे है ।
रौशनी के हाथों,
सब हारे है ।
उधार की बत्ती लिये,
हर रोज़ मिलते है चांद से ।
मोहब्बत करते है,
मोहब्बत ही के मारे है ।।
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दुश्मन के घर मे गुसकर मारे वह इंसाँ।
कोई और नहीं भारत माँ का जाँबाज होता है।।-
नजरों के तेरी , हम मारे हुएं है
इश्क़ में तेरे , हम हारे हुएं है
नजरें मिलाली जिसने भी तुमसे
कसम से फिर वो , तुम्हारे हुएं है-
मानवता के मारे थे वो,
हमारे ध्रुव तारे थे वो,
हमने तन मन दे डाला था अपना,
फिर भी किसी और के प्यारे थे वो
बस मानवता के मारे थे वो...
एक खुली किताब उनके लिए थे हम,
जितने भी पन्ने पलटे सब में उनके ही थे हम,
फिर भी क्या बतलाया हमने यही कहते रह गए वो,
बस मानवता के मारे थे वो...
एक सपना लेकर आये थे,पर भविष्य उन्हीं में दिखता था,
आंखों में थी तस्वीर उनकी,होंठो पर नाम उन्हीं का रहता था,
फिर कमी कोई रह गयी होगी,तभी तो रुखसत हो गये वो,
बस मानवता के मारे थे वो...
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इस दौर में
आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ
वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ
उम्मीद फ़ाज़ली
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प्यार की तलाश में फिर रहे हैं मारे-मारे से दर-बदर ठोकरें खाते,
काश जल्द हो जाए राबता उनसे जुड़ जाएं अपने भी उनसे रिश्ते और नाते।-
आजकल बेचैन से हो गए हैं ,
ऐसा ना सोचना इश्क़ के मारे हैं हम,
मौसम ही कुछ ऐसा है जनाब,
इश्क़ के मामले में तो बेचारे है हम।।😂-
माना तक़दीर के मारे है
तेरे इश्क के बेचारे है
पर तू है बड़ा काबिल
नफरत भी दिल खोल के करता है-