फूलों के बीच महकती,
कलियों से है गुजरती।
भवरो सी ज़िन्दगी ये मेरी,
हर दिन नई उड़ान है भरती।।-
रुकना नहीं है मंज़िल से पहले,
कठिन बेशक ये राह है।
जमीन पर मेहनत कर रहेे हैं,
सितारों पर अपनी निगाह है।।
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भारत की बेटी
कल तक घर की जान थी जो,
आज पिता का अभिमान हो गई।
नन्ही किलकारी सी आवाज़ उसकी,
आज परेड की कमान हो गई।
बोलना सीखा था कल ही जिसने,
आज देश प्रेम के गीत गाने लगी,
जिन सितारों को गिनती थी आसमान में,
वो सितारे वर्दी में लगाने लगी।
मम्मी की गुड़िया, पापा की परी थी जो,
आज अपने इरादों पर खड़ी हो गई,
पिता की आंखें भी खुशी से भर आई,
देखते ही देखते बिटिया जब उनकी, बड़ी हो गई।।-
अपने ख्यालों के शहर में गुम हूं,
अकेली हूं, पर खुश हूं।
तलाश नहीं मुझे अब किसी चाहने वाले की,
ख़ुद के लिए,मैं काबिल खुद हूं।।-
उस दिन को याद कर,
आज भी आंखे भर आती हैं,
जब भी सोचूं उस बूढ़ी मां को,
रूह मेरी सहम जाती है।
आज भी जब देखती है गांव में डाकिए को तो,
दौड़कर बेटे की चिट्ठी लेने पहुंच जाती है।
कैसे समझाए वो अपने आंचल को?
उसकी आंख के तारे ने हर चिट्ठी,
अपनी भारत माता पर कुर्बान की है।।
😢❤✨🇮🇳
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तुम चाय की प्याली से हो गए हो,
ज़ुबा से होकर दिल में आ गए हो।
खोना नहीं चाहते तुम्हे कभी भी अब हम,
क्योंकि हमारी अच्छी आदत हो गए हो।।-
ये रंग बदलने वाली दुनिया कभी सांवले रंग की वफादारी समझ ही नहीं पाएगी।।
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