Rekha Sahay   (Dr Rekha Rani)
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Joined 7 June 2021


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27 APR AT 18:12





क्या रहस्य है ये?
सूफ़ी कवि रूमी ने,
अपने मुदर्रिस शम्स “द बर्ड” को
खो कर पा लिया ख़ुद को और ख़ुदा को

शम्स तबरीज़, रूमी के आध्यात्मिक गुरु ने
कई स्थानों की यात्रा कर अपने ज्ञान को
फ़ैलाया था, फलतः वे “द बर्ड" उपनाम से भी जाने गये।



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14 APR AT 17:58



जब सूर्य अपनी उत्तरायण अर्ध परिक्रमा पूरी कर ले,
तब गर्मी के मौसम का स्वागत कर 14 अप्रैल को
हमारी खूबसूरत, रंग-बिरंगी संस्कृति वाली
इस ज़मीं पे कही मनाते है नवरात्रि षष्ठी, वैशाखी,
पोइला बोइशाख (बंगाली नववर्ष), यमुना छठ,
विषुक्कणी (मलयालम नववर्ष), चरक पूजा
कहीं सतुआनी ( बिहार) पर्व।
जो भी त्योहार अपना सा लगे, दिल से मनायें।
शुभकामनाएँ सभी को!!!!!



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14 APR AT 11:59


भीमराव अंबेडकर जयंती -14 अप्रैल


जो कौम अपना इतिहास नही जानती है,
वह कौम कभी अपना इतिहास नही बना सकती है।
— भीमराव अंबेडकर


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9 APR AT 16:14





रासलीला की रात,
कृष्ण हुए राधा,
राधा हुई कृष्ण।




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4 APR AT 13:37




दर्द के बाद सुकून,
दुःख के बाद सुख,
अंधेरे बाद रौशनी,
पतझड़ के बाद बहार,
परेशानियों का ग़म ना कर,
बदलाव ज़रूरी है।
यह जीवन चक्र है।



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3 APR AT 19:52




After pain comes tranquility,
After sorrow comes joy,
After darkness comes light,
After autumn comes spring.
That's life cycle.


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3 APR AT 18:38

तन्हा राहें

दुश्वार है ज़िंदगी की राहों में तन्हा चलना!
पर सीख लिया जो तन्हाइयों से दोस्ती कर तन्हा चलाना
तो मंज़िल-ए-दुश्वार भी आसाँ हो जाते हैं।


मंज़िल-ए-दुश्वार - difficult destination


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3 APR AT 15:47


Writing a novel feels like living alongside
my own characters, experiencing their
emotions firsthand. Sometimes it's a
tsunami of story ideas, other times it's
writer's block. But upon completion,
there's a sense of satisfaction and pride
in what you've accomplished.

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2 APR AT 21:57





रात और चाँद-सितारे सोने चले जाते थे,
तुम नींद से मुझे जगाते चले जाते थे।
“तुम मुझ में हो, हमेशा मेरे साथ”,
यह गीत सुनाते चले जाते थे।
अब याद आती है हर बात।
कैसे ढूँढे अपना सितारा?
तुम तो छुप गये इन सितारों के साथ?



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2 APR AT 21:46




यादों के वातायन में झाँक़ते हठात,
भूली-बिसरी वीथिकाओं में दिखते हैं यादों की बारात
याद आती है हर बात, हर रात।
दिल करता है कलाई पकड़ कर पूछ लें,
क्या तुम्हें भी याद आते है वे सितारों की सौग़ात।





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