याद आऊंगी एक दिन तुम्हें में बचपन की भोली शरारत की तरह औऱ ठहरी रहूंगी देर तक तुम्हारे होंठ पर किसी दिन मुस्कुराहट बन कर याद आऊंगी मैं जवान होती एक मासूम सी इच्छा की तरह औऱ चमक उठूंगी तुम्हारी आँखों मे किसी उजले से स्वपन की तरह एक रोज याद आउंगी तुम्हे मैं किसी भूले बिसरे पुराने दर्द की तरह औऱ देर तक ठहर जाऊंगी तुम्हारे दिल मैं याद आऊंगी तुम्हे में तुम्हारी कहानी के किसी भूले हुये किरदार की तरह तुमसे शिकायत सी करती हुई औऱ बैचैनी बन तुम्हारी धड़कनों में शिदत से याद आऊंगी तुम्हें में किसी खोई हुई बहुत ही प्यारी चीज की तरह औऱ तुम बेताबी से उसे ढूंढते हुये खुद को ही खो दोंगे तुम!!❤