QUOTES ON #मधुर

#मधुर quotes

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21 JUN 2019 AT 14:04

संगीत ही तो है जो
शब्दो को मधुर और सुरीला बनाता है
कभी कभी
मन को इतनी खुशी दे जाते है तो
कभी संगीत को सुन अपनी ही दुनिया
में खो जाते है ।।







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4 JUN 2023 AT 21:15


अधरो के मरुस्थल पर पड़ती है जब
मधु सी मधुर प्रेममकरंद की बूंदे
द्विगुणित करती काया की हलचल
गात चंदन सी महक उठी तब

मंद-मंद बोल तेरे श्रुतिपटल तक पहुंचे
मद्धम मधुर संगीत झंकृत हो जैसे
सरगम, धुन , राग , लय ,ताल समेटे
अदृश्य सितार धमनी में बजा हो जैसे

सुदृढ़ बाहुपाश का असीमित घेरा
इच्छाएं ऋतुराज की देखो डाले डेरा
गुदगुदी अब पोर- पोर  तक पहुंची
प्रेम छुअन अब तैर गई नस-नस में

तुमसे हूँ  मैं अखण्ड सुहागिनी
दो अंजलि भर अपनत्व मुझे
संध्या अनुराग सुहागभरी अब
आओ प्रियवर कर दो संपूर्ण मुझे

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18 APR 2020 AT 17:12

तुम्हरी बातैं मधुर-मधुर थी,,
रम जाती मेरे मन में,,,,।
याद तुम्हारी सच-मुच न्यारी
मन निर्जन कर दे क्षण में,,,,।
भूतकाल क्या जिया था हमने
नयन समाए नयनन में,,,,।
भविष्य कठिन तुम्हरे बिन साथी
क्षत-विक्षत जीवन क्षण में,,,,।

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10 OCT 2021 AT 15:54

कुछ प्रेम कहानियाँ
जन्म लेती है
ख़्वाबों और
ख्यालों में,
बिखर‌ जाती
है पृष्ठों पर,
कविताओं के रुप में,
और अमर हो जाती
है अधरों पर
एक मधुर मुस्कान
बनकर...!!!

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25 MAR 2023 AT 11:11

मीठा सा हो महसूस
मेरी पीड़ाओं की कडवाहटो को
तेरे स्पर्श के शहद में घोलना चाहती हूँ

मधुर कलरव हो महसूस
मेरे तन्हा लम्हों की तनहाईयों को
तेरे आलिंगन में समां गुनगुनाती
भीड़ महसूस करना चाहती हूँ

आह्लाद का परिमंडल हो महसूस
नैराश्य के बादलों में घिरे जीवन को
तुझ में समाकर शून्य करना चाहती हूँ

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मधुर मिलन

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28 OCT 2022 AT 22:46

मिलन की व्याकुलता को समझ तुम
चांद बन नभ शीर्ष पर तुम दमकते हो
चंद्रप्रभा शीतल सुधा की अमृत वर्षा कर
मुदित-मन की कुमुदनियो पर तुम बन भ्रमर ,
मन को मधुर मालती सा महकाते हो

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30 OCT 2022 AT 10:56

तापमय जीवन का दिन तपता रहा
रात की चाँदनी देह जलाती रही
इस पीर का तुम अहसास कर लो
मधुर चाँदनी में अंगीकार कर लो 🫂

चाँद उकेर रहा उन्मुक्त कलाये शीर्ष गगन में
छायी हुई दुग्ध उज्जवल सितारों की पिछौरी
इस यामिनी में तुम मुझे स्वीकार कर लो
मधुर चाँदनी में अंगीकार कर लो ,🫂

बंधी हुई तुझ से प्रीत मोह के बंधन से
सप्तपदी, अग्नि के फेरों और वचनों से
फिर चंचल घड़ियों की मृदु बरसात कर दो
मधुर चाँदनी में अंगीकार कर लो 🫂

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2 SEP 2018 AT 22:50

जैसे आँखों की झील में सपनों के कंवल खिलना
जैसे चाहतों को नए पंख मिलना ,
जैसे काली घटाओं केबीच से
सूरज की किरण का खिलखिलाना
जैसे बहती हवाओं का कानों में
इश्क का एक मधुर राग छेड़ जाना,
अरे जनाब तुम्हारा मिलना
हमे अपनों से जुदा कर गया
जो अपने थे वो पराए हो गए
और गैर को दिल के करीब कर गया |

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25 JUL 2020 AT 18:39

बन जाओ तुम गीत मेरे, मैं संगीत से सजाऊं
बन गीतों की रागिनी तुम, चले साथ जो मेरे
लयबद्ध हुआ जीवन, बस तुम्हें ही गुनगुनाऊं
बन जाओ तुम गीत मेरे, मैं संगीत से सजाऊं

मन चंचल, करता विचरण शब्दों के गगन में
है बस में कहां ये, रहता सरगम की भजन में
कारीगरी सरगम से बना संगीत तुम्हें सुनाऊं
बन जाओ तुम गीत मेरे, मैं संगीत से सजाऊं

करूं साधना मैं रागों की, तुम रागिनी बन आना
पर्याप्त नहीं है पूरक होना, समपूरक बन जाना
कभी कोमल कभी तीव्र स्वरों से यूं तुम्हें रिझाऊं
बन जाओ तुम गीत मेरे, मैं संगीत से सजाऊं

स्पंदित होती श्रवण संवेदना, मधुर तुम्हारे गीतों से
तरंगित होती मन की तृष्णा, उर्वर अंकुर प्रीतों से
बन जाना तुम साज स्वरों की, मैं साजिंदा कहलाऊं
बन जाओ तुम गीत मेरे, मैं संगीत से सजाऊं

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