बस्स अपना हाथ यूहीं रखना
हमारा हाथ आपको छूकर
आपको बचा ही लेगा और मोहब्बत भी-
ख़ामोश हूँ मैं आज कोई सवाल नही..
ख़ुद से पूछे गुनाह, तो कोई हिसाब नही।
थोड़ा जंग-सा लगा हैं मुक़द्दर को मेरे...
मगर मैं अभी हार जाऊं,
मेरी ऐसी कोई चाह नही।-
वो न आएगी
हमें मालूम था इस शाम भी
इंतज़ार उस का मगर कुछ सोच कर करते रहे-
तुम मुझे मिलो या ना मिलो,
ये तो किस्मत की बात है.........!
मगर में कोशिश भी ना करू,
ये तो गलत बात है.......!!-
जानते तो हैं इश्क़ के अक्षर को लोग मगर
कैसे करते हैं इश्क़ ये नहीं जानते लोग मगर-
" कुछ भी कह यार पर तुमपे भरोसा नहीं होता
मोहब्बत , मोहब्बत करते हो
मगर मोहब्बत नहीं होता !! "-
खुश हैं वो अपने घर में चलो ठीक है मगर
इतनी सी बात ने मुझे तड़पा भी दिया है-
हम लापरवाह नहीं,
पर जाने कौन सी,
लापरवाही हो गयी,
कहा तो कुछ नहीं,
पर महसूस हो गयी।-
कहना तो बहुत कुछ है तुझसे,
पर कह कहा पाता हूँ,
ये भी सच है कि जीना है तेरे बगैर,
मगर एक पल भी रह नही पाता हूँ!!-