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बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की 130 वी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏
जय भीम जय भारत-
प्रखर तेज, अप्रतिम बुद्धि विवेक,
कोटिशः ज्ञान, असंख्य गुण,
समता के प्रतिपालक को नमन,
लेखन के एक प्रहार से कोटि जन
को अधिकार दे अपात्रताओं की
दलदल से उबारने वाले महापुरुष को नमन।
हर शोषित, पीड़ित, प्रताड़ित और नारी-नर सदा आपका ऋणी होगा,
इतिहास लिखा जाएगा योद्धाओं की श्रेणी में नाम आपका अग्रणी होगा।
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भीमराव रामजी आम्बेडकर।
नाम ही काफी है, शब्द नहीं मेरे पास ,किसी को शक है।
तो जा कर देखो Google कौन है इंसान है कि भगवान
आज।
बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर जयन्ती है
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जय भीम , जय भारत ,जय सम्भीधान
यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं,
तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए......
Dr. Bhim Rao Ambedkar
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थक गए पैर लेकिन हिम्मत नहीं हारी
जज्बा है जीने का सफर है जारी
चलना है बहुत दूर राह अभी बाकी है
मत रुकना भीम के बंदे तू
बाबा साहेब का सपना बाकी है।।
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बदल तेव्हा घडला...!
एकटाच भीम जेव्हा,हजारोंच्या विरोधात लढला
शृंखला तोडण्या गुलामीच्या,तोच रुढीला भिडला
बदल तेव्हा घडला...!
ज्ञानाच्या सागरात, उसळी तयाने घेतली
पोहताना लाटांची, आव्हाने ती पेलली
ह्या भवसागरात जेव्हा एकटाच तो बुडला
बदल तेव्हा घडला...!
क्रांतीची चिंगारी, पेटवली बा भीमाने
तेवते आहे अजुनी, हृदयात नियमाने
अस्पृश्यतेचा कलंक समतेने जेव्हा खोडला
बदल तेव्हा घडला...!
नव्हतीच मुभा मुळीच, येथे बोलण्याची
सत्याच्या मार्गाने, येथे चालण्याची
संविधानाच्या साजाने,अवघा देश मढला
बदल तेव्हा घडला...!-
बड़का मालिक के खेत में गेहूं लहलहाते हुए देख कर सबका मन खुश हो जाता।
बड़का मालिक के एक हित मित्र बाहर देश से गाँव घुमने आये थे। उनका मित्र बड़का मालिक से बोले:- तुम्हारा फसल कितना शानदार लगा है।
बड़का मालिक:- पुरखो का दिया हुआ जमीन जजात हैं, आओ चलो खलिहान में चलते हैं।
खलिहान जाते ही मालिक:- अरे बुधन गेहूँ को बोरी में भर के दरवाजे पर रख के आना, घर के अंदर प्रवेश मत करना तेरी मालकिन की शिकायत आई है कि तू कल चौखट पार कर गया था फिर मालकिन को दुबारा आंगन में शुद्ध करना पड़ा।
मित्र:- अरे भाई इसको ऐसा क्यों बोल रहे हो?
मालिक:- अरे! यह लोग...... चलो घर पर बैठ कर बात करेंगे फिर बताएंगे।-
1.रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना में अहम भूमिका
आंबेडकर ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना में बहुत अहम भूमिका निभाई।
2.विदेश से डॉक्टरेट करने वाले पहले भारतीय
आंबेडकर पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने विदेश से डॉक्टरेट की डिग्री और इकनॉमिक्स में एक डिग्री हासिल की थी। उनके पास कुल 8 डिग्रियां थीं।
3. 64 विषयों पर पकड़
आंबेडकर की 64 विषयों पर मास्टरी थी। जो कि कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड के 2011 के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा है
4.देश के पहले कानून मंत्री
आंबेडकर अपने समय के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे संसद सदस्य थे। वह भारत के पहले कानून मंत्री बने।
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ऊंच-नीच का भेद मिटाते,
मार्ग शांति का का अपनाते,
जब अछूत पानी नहीं पी पाते,
तब विदेश जाकर भी पढ़ आते।
समता का था अभाव,
उच्च वर्ग हावी था,
ऐसे में उपजा एक बीज,
जो मन से बुद्ध और शिक्षा वादी था।
जिसका जीवन संघर्षों से भरा था,
जगह-जगह सताया गया था,
फिर भी उसने शिक्षा को हथियार बनाकर,
समाज को एक नई दिशा दिखाया था।
छुआछूत,अशिक्षा थी अपने चरमोत्कर्ष पर,
स्त्री शिक्षा ठहरी थी,
ऐसे समय में भीमराव अंबेडकर,
उस समाज के प्रहरी थे।
संविधान निर्माता आप,
विभिन्न विषयों के ज्ञाता थे,
जब घोर अंधेरे में डूबा था समाज,
तब आप उसके पुनरुद्धार और निर्माता थे।
गुलामी की बेड़ियां तोड़कर,
एक नया आईना दिखाया था,
जिसे समाज नहीं मानता था,
आपने उसे एक पहचान दिलाया था।
इस अंबेडकरवादी सोच को,
हमें आगे बढ़ाना होगा,
जो रह गया जातिवाद भेदभाव,
उसे जड़ से मिटाना होगा।
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