QUOTES ON #भारतीय_संस्कृति

#भारतीय_संस्कृति quotes

Trending | Latest

यह सादगी यह श्रंगार साड़ी में बहुत अच्छा लगता है
शॉर्ट ड्रेस में कोई भी लड़की इससे ज्यादा खूबसूरत
नहीं लग सकती

-


10 SEP 2020 AT 10:39

भगवान का
सच्चा भक्त
कभी भी
अपनी ओर से
किसी चमत्कार
की इच्छा
नहीं रखता

-


7 SEP 2020 AT 16:21

-


9 APR 2020 AT 10:39

आदिकाल से भारत का
स्वर्णिम इतिहास रहा ,
महाराणा प्रताप , लक्ष्मीबाई आदि
वीर-वीरांगनाओं का पराक्रम
इसकी पहचान रहा ।

कालांतर में आर्यवर्त
आदि नामों से इतिहास बनाया,
बाद में भारत कहलाया।।

-


22 MAR 2020 AT 18:01

शराफत को तो
वो भूल गए हो जैसे
हम नजरें चुराना और
बहाने बनाना सीख गए वैसे

जब मिले एक अरसे बाद
लगा मेहमान आया हो जैसे
बाँछे खिल उठी मानो
बरसात में फुल खिला हो वैसे

वर्षों की मन्नतों के बाद
दुआ क़बूल हुई हो जैसे
दिल की उड़ान मानो राँझे की
तड़प और हीर का मिलन हो वैसे

-


27 JUN 2020 AT 18:39

।।मुक्तक।।
कवि के हस्त में निहित खड्ग तलवार है कविता
जो आया देश पर संकट बनी हथियार है कविता
कि पन्ने चीख कर इतिहास के देते , गवाही ये
गिरी जब राजसत्ता है,बनी आधार है कविता

-


8 SEP 2020 AT 7:55

बहुत सूना-सूना है आज
हर आँगन,,,,न धूप सुगंध
न सरसराती "वात"(हवा)
न "बात" करती,न देती संदेश
कलशी में जल,,खड़ी नव वधू
सुरसुराती सर्दियों को
भी पनाह नहीं,
वास्तु का पलायन ?
मनी प्लांट की बेल भी
सफेद बाल डाई कर रही
तुलसी पत्ती बुहारी में न चरचराती,,
सेंटर टेबल पर शोभित,
बेंबों की एक्वा से मैत्री...
बड़ी इठलाती,,,
दुरभि के कागज़ी कुसुमों की
लड़ियाँ कोना कोना महकाती?
क्या अब सुंदर लग रहा है
पारंपरिक महल ? 8.9.20

-


22 NOV 2020 AT 8:44

पारंपरिक परिधान
पाश्चात्य के करघे पर कसे जा चुके,
कटी जींस,बरमुडा का आह्वान
धोती कुर्ता,सलवार नीलामी के घाट चढ़े,
हवा में लहराती चूनर अब कहाँ
गीतों के जमाने रवानगी लिए,
गुलकंद झराती गंवारी खड़ी बोली
चुभते ख़ार से माम पाप के आगमन हुए,
घूँघट लाज का खुद से हुआ लज्जित
आँखों की हया भी जुबां न सिए,
बदलाव की क्या खाक धुन बिगुल बजेगी?
ज़ुल्मी जलाएंगे गुलामी के दिये,
टेकते दिखेगें घुटने दासता फिर होगी
स्वागत कर रहे हैं फिरंगियों के रवैये,
स्वदेशी नारे कान बहरे,
चंद दिन के सुकुं को मुँह मोड़ चल दिए,
विस्मृति हुई--मतलबियों के घावों का
कायरता के शिरोमणि तुम बन गए!!
22.11.2020
Read in caption plz

-


2 JUN 2020 AT 17:25

त्याग दिया जिसने अपना अहंकार,
समझो हुआ उसका कल्याण।
बॉर्डर पर बैठा वो,
त्याग कर अपना घर बार,त्याग कर अपनी सुविधा।
श्री राम चले वनवास।।
महर्षि दगीची का वो त्याग,शरीर त्याग कर दिया था जो दान।
धाए मा पन्ना ने दिया,अपने पुत्र का बलिदान।
एक दूजे के लिए हुए त्याग - बलिदान,
ये भारतीय इतिहास है,हा ये अपना इतिहास है।
दीक्षा के नाम दिया अंगूठा,वो एकलव्य था बेहद अनूठा।
एक आवाज़ पर दिया,स्वर्ण कवच व कुंडल।
बलिदानों की कहानी है,ये शूर वीरो की कहानी है।
द्रण संकल्प थे इनके अनोखे,ये भारत के लाल थे अनोखे।

-


13 NOV 2020 AT 12:15

विज्ञान बनाम इतिहास,,
लिपे हुए वास्तु से सज्जित आंगन
वैदिक काल की चौसठ कलाओं
अल्पना में ही कल्पना के रंगों में
नुपूर की छनक से,आह्वान 'श्री' श्रेष्ठा का,
"शुभ लाभ स्वास्तिक समृध्दि के प्रतीक"
आम की हरी पत्तियां तोरण बंदनवार
::::::::::::
और.....'लाफिंग बुद्धा',बेंबों प्लांट
लकड़ी के फ्रेम पर पेंटिंग रंग,,
आंगन से दहलीज लांघते से
कृत्रिम सजावटी असुगंधित
संस्कृति के निवासों पर ऊंघते से
आधुनिकता का प्रचार-प्रसार
हम सब भारतीय हैं,
कस्बे,नगर,शहर पर नज़र सबकी
कहीं रंगोली के पूर्व से पग नहीं,,
आगमन किसका होगा??

-