कभी कहीं दूर भाग जाने को मन करता है,
उंगली पकड़ चलना इसलिये नहीं सिखाया था।
कभी सबका दिल दुखाने को मन करता है,
प्यार में दिल उसने इसलिये नहीं लगाया था।
कभी हर हां पे ना दोहराने को मन करता है,
हर पल सच बोलना इसलिये नहीं सिखाया था।
कभी हर ख्वाहिश जलाने को मन करता है,
सपनों के लिए थपकी दे इसलिये नहीं सुलाया था।
कभी हर छोटे बच्चे को सताने को मन करता है,
प्यारा सा भतीजा मैंने इसलिये नही पाया था।
कभी नौकरी को मार भगाने को मन करता है,
अच्छे स्कूलों में पिताजी ने इसलिये नही पढ़ाया था।
कभी सबको एकसाथ गरियाने को मन करता है,
माँ ने अच्छा और सच्चा इसलिये नहीं बुलवाया था।
कभी पैसे बेवजह हवा में उड़ाने को मन करता है,
पिताजी ने नया सूट इसलिये नहीं सिलवाया था।
कभी हर चीज़ विपरीत निभाने को मन करता है,
जिंदगी ने ठोकर खा जीना इसलिये नहीं सिखाया था।
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वी - विपदा ना आये क़भी आपके जीवन में
ज्ञान रूपी सम्पदा बढ़ता ही रहे जीवन में
र - रम जाओ ज्ञान रूपी जिज्ञासा, प्राप्ति में
जैसे रम जाती है, मीरा; कृष्ण भक्ति में
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नवांकुर पुष्प खिला जीवन में,
हर्षोल्लासित हृदय चमन है
बगिया महकी पर्ण सुशोभित,
खुशियों के क्षण मंगलमय है.
बाजे ढोलक ,ढाप मंजीरे,
मन मयूर सा नाचे मन है.
खुशियों की किलकारी गूंजी,
मंगलगान से गूंजा घर है.
लेके टमटम गाजे बाजे
स्वागत में आतुर ये मन है.
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स्वागतम !!
तेरे आने से खिलखिला उठा है ये घर आँगन ,
खुशियों की सौगात हर किसी के चेहरे पर लाया है ,
मुझसे भी छोटा कोई अब हमारे घर आया है ।।-
कहने को तो पापा की बहन होती है
लेकिन प्यार मां जैसा करती है बुआ
वैसे तो सबको अच्छे से रखती है
लेकिन भतीजे - भतीजी को अपनी जान से ज्यादा चाहती है बुआ
अपने खिलाफ सब सुन लेंगी
लेकिन उनके भतीजे - भतीजी के लिए तो घरवालों से भी लड़ लेती है बुआ
चाहें ज़िन्दगी के सारे पल उनके साथ जीने को ना मिले
लेकिन हमारे प्यार भरे बचपन की तो पहचान होती है बुआ।
सारी बुआओ को समर्पित❣️
#1_कोशिश-
भटकते नहीं हैं हम उलझके कहीं पर
संवारते हैं ज़िन्दगी, हैं कदम जमीं पर
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एक प्रह्लाद किया था पहले बुआ का बेरा पार
फिर एक बुआ लिये भतीजे को बैठी तैयार
जोगीरासारारा-
स्वागतम !!
तेरे आने से खिलखिला उठा है ये घर आंगन,
खुशियों की सौगात हर किसी के चेहरे पर लाया हैं,
मुझसे भी छोटा कोई अब हमारे घर आया है !!
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एक बच्चा जो बड़ा हो गया है
माँ की एक आंचल का टुकड़ा
तकिया के नीजे लेके आज भी सोता है
जब भी मैं उदास होती हूं
अजीब अजीब चुटकुला मुझे सुनाता है
मैं कभी कभी उसपे गुस्सा हो जाती हूं
पर वो दिल पे नहीं लेता है
उमर में वो मुझसे छोटा है
पर एक दोस्त जैसा है
एक बच्चा जो बड़ा हो गया है
रिश्ते में वो मेरा भतीजा है।-