मरै बैल गरियार, मरै वह अड़ियल टट्टू
मरै करकसा नारि, मरै वह खसम निखट्टू
बाम्हन सो मरि जाय, हाथ लै मदिरा प्यावै
पूत वही मर जाय, जो कुल में दाग़ लगावै
अरु बेनियाव राजा मरै, तबै नींद भर सोइए
बैताल कहै विक्रम सुनौ, एते मरे न रोइए-
तुम हो ब्राह्मण ,तेज धरो ।।
शिखा सहित मस्तिष्क पर तिलक धरो।
नतमस्तक होगी दुनिया तुम्हारे आगे ।
तुम ब्राह्मोचित जैसे कर्तव्यों तो करो।-
हमारे यहाँ 'हम कान्यकुब्ज ब्राह्मण हैं', 'हम कनौजिया ब्राह्मण हैं' का दम्भ भरने वाली एक जमात है। ये जमात कहती है कि इनकी पैदाइश विराट भगवान के मुख से है, जहाँ थूक भरा रहता है। फिर जो थूक के ठौर से जन्मेगा वह कहाँ तक थूकेलापन न करेगा।
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ब्राह्मण ज्ञान विज्ञान पाकर भी।
में माया से मोहित हो गया।
सांध्य वंदन को भूल में
कामी वामी हो गया।।
अपराध मेरे से होते होते।
आज जिंदगी का एक साल और कम होगया।।-
हां मैं अहंकारी हूं ,🙏😈
और ब्रह्मणवादी भी हूं मैं ...🕉
मगर किसी और के मजहब को ✝☪☮☸
नीचा दिखाऊँ ,वो उग्रवादी नहीं हूं मैं...😣
हां मेरा धर्म मेरे लिए पिता समान है !🙏
पर यह वतन मेरी जान है, 🙏🇮🇳
मेरे धर्म से बड़ा मेरे देश की शान है,🇮🇳💕
इंसानियत के टुकड़े कर
अपनी मिट्टी पर कलंक लगाऊं😏
इतनी भी जातिवादी नहीं हूं मैं...😏🙏🙏-
जीता हो जिसने शास्त्रार्थ और संग्राम
वे ही है विष्णु के अवतार भगवान परशुराम
Who won the debate and war He is
Lord Parashurama,the avatar of Vishnu-
धर्म हमारा कुछ ऐसा की मरने के बाद भी
आग से खेलने की इज़ाजत देता हैं।।-
दादा परशुराम जी के फरसे ने "शोणित" की नदी बहा दी है
इक्कीस बार इस भूमि पर धर्म ध्वजा फहरा दी है
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