- परम् सत्य योगपथ -
शारीरिक अश्वस्थता की भी अपनी एक अलग पहचान है
वह इंसान को अपने क्रियाकलापों और कर्मों पर पुनर्विचार करने का मौका प्रदान करती है
इसमें सलग्न दर्द , पीड़ा ,तकलीफ इंसान को सांसारिक मोह ,माया आनंद से विमुख करवाकर जीवन के अंतिम परम सत्य का अनुभव करवाती है
जिससे इंसान श्रृष्टि के किसी भी जीव के आसूं , कष्ट ,चीख को नजदीक से समझकर अपनी भूल को सुधारने का उपहार प्राप्त कर सकता है
लेकिन यह पूर्ण रूप से ईश्वर की कृपा पर आश्रित है कि उनके पास पुनः जीवन को संवारने का मौका है या नहीं ?
धन्यवाद ‼️🚩🚩जय श्री राधे‼️🚩 हर हर महादेव‼️🚩🚩
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