Mohit Gummanwala 8 JUN 2018 AT 16:21 तेरी यादें...बड़ी बारे गराँ है...एक दवा चाहिए...इन्हें उठाने के लिए... - NYCTOPHILIA🌚 16 AUG 2020 AT 10:36 ★ || स्त्री की सहनशीलता की तुलना || || धरणी से करना अनुचित तो नहीं |||| पति के तन की थकान और अपने मन का बोझ |||| सहन करती है वो भी मूक रह कर भली-भाँति..!! || - Aradhya Raghuwanshi 24 FEB 2021 AT 21:28 Paid Content - jagriti kumari Solanki 17 APR 2020 AT 0:10 बेटियाँ एेसे भी..... - Ritu Singh 27 OCT 2020 AT 8:16 जिंदगी मेरी अब मेरी नहीं, तेरी बोझ सी लगती है - Ankita Maran 10 MAY 2018 AT 17:22 समाज मे इज्जत बनाएं रखने झूठे ढोंग करते देखा है,कोख़ में मार दिया था जिसने अपनी बेटी को उसे भी बेटी बचाओ करते देखा है।। - Aravind Patel 10 DEC 2019 AT 21:15 तुम क्या समझती हो ? मैं समझता नहीं,बोझ बन चुका हूँ मैं,तुम्हारे ज़िन्दगी की कहानी में..! - Kavisha Srivastava 4 JUN 2017 AT 11:20 लो झड़ गया मैं शाखों पर से तेरी,अब तो ना कहोगे किबोझ उठाता था तू मेरी? - Samruddhi Patait 21 DEC 2017 AT 22:11 पलकें, निगाहें और आवाज़ दबी हैं हया के बोझ तलें,भौहों की सलवटों अब तो तिसरी आंख बन जाओ मेरी! - PraGati PaNdeý 18 APR 2019 AT 11:52 पलकों पर ये बोझ कैसा है,ख़्वाहिशों ने अपना वजन बढ़ा दिया क्या? -