QUOTES ON #बैरागी

#बैरागी quotes

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डॉ. विवेक सिंह 'बैरागी' पेशे से शिक्षक, स्वतंत्र लेखक, कवि और वेब विश्लेषक हूँ। क्रांतिधरा मेरठ के रहने वाला हूँ। कवितायेँ लिखना, समसामयिक लेखन, हमेशा कुछ नया करते रहना, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर लिखना, मानव सह-अस्तित्व के लिए कार्य करना। कई समसामयिक मुद्दे मन को उद्वेलित करते हैं मेरा प्रयास, मेरा लक्ष्य इन मुद्दों को अभिव्यक्ति देना है। कविता है कवि की आहट, उसके जिंदा रहने की सुगबुगाहट, उसके सपने, उसके आँसू, उसकी उम्मीदें, उसके जीने के शाब्दिक मायने ...लेखन और कविता मेरे इन्हीं विचारों और दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है जो देश-परिवेश और समाज-दुनिया में हो रही घटनाओं और परिस्थितियों से उपजते हैं। प्रतिष्ठित समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में नियमित लेख एवं कविताएं प्रकाशित | इसके अतिरिक्त ऑनलाइन पत्रिका बागेश्वरी में नियमित कविताएं और क्षणिकाएं प्रकाशित होती रही है। ऑनलाइन वेब पोर्टल होप मैगजीन और INVC International News And Views Corporation पर भी मेरी कविताओं को स्थान मिलता रहा है। साथ ही काव्य संग्रह सरगम tuned, कुछ यूं बोले एहसास, काव्य सुरभि और साहित्यिक पत्रिका विश्वगाथा में मेरी कविताएं प्रकाशित हुई है। बस इसी बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ ....

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मोबाइल : +919259001002/ 9258008008

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1 FEB 2022 AT 22:30

बैरागी कहते थे लोग जिसे एक वक्त में ,
एक लड़की की आखों में उसे अब सजना सवरना अच्छा लगता हैं !— % &

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26 JUL 2020 AT 16:33

"जब मैंने तुम्हें जाने पर मजबूर कर दिया
पर फिर भी तुम मेरे खिलाफ मेरे लिए खड़ी रही...."

मीरा बैरागी
बातचीत के कुछ अंश
(अनुशीर्षक )

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1 SEP 2021 AT 17:19

घाट घाट घूमौ बैरागी,
फिरऊ राम सौं ना मिल पाऔ रे |

जो लौट कुटिया चरण छूए माता के,
तो बूझे, पूरौ बैकुंठ मात चरण में समाओ रे ||

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18 MAY 2019 AT 21:22

मन बड़ा बैरागी सा होने लगा है आजकल ...
लगता है जिंदगी अब ,किसी नए मोड़ पर मुड़ने वाली है...

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उम्र जाती रही रिश्तों पर जमी गर्द हटाने में,
सुनी अनसुनी सबकी सुनी जिन्दगी तेरे मुहांने में...

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तू मुझसे दूर जाने की हर रस्म पूरी कर,
मैं भी मेरे इंतज़ार की सुबह लाता हूँ....

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2 MAY 2020 AT 1:39

मिलाप नही सम्भव हम अधूरेपन के भागी है
मैं मन से बैरागी हूँ तो वो तन से पर्दगी है

*पर्दगी :- पर्दे में रहनेवाले

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कि दिल्लगी दिल की लगी न बन जाए,
इश्क में बेवफाई की कुछ गुंजाइश रखना....

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1 JUL 2020 AT 8:29

भगवा चोला समाधान नहीं ,
इस दुनिया के हर चाल की,
पलायनवाद की नीति कभी ,
बदलती नहीं दुनिया कोई,
बदलना है गर दुनिया को
तो ख़ुद बनो उस चंदन सा,
कितना भी लिपटे भुजंग पर
विषधर वो नहीं बनता।

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