QUOTES ON #बेदिल

#बेदिल quotes

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17 NOV 2019 AT 13:41

हमने एक बेदिल हुस्न को देखा है।
जाम तो सामने था मगर खाली देखा है।

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18 AUG 2018 AT 7:40

जिसने उन टूटते तारों से टूटने की तालीम ली है
मैं वही इधर उधर बिखरा पड़ा इक बेजान रेज़ा हूँ,
ये तो धड़कनें हर रोज़ धड़ककर मेरे ज़िंदा होने
का दावा करा जाती है वरना तो मैं बेदिल बेज़ा हूँ...

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31 AUG 2018 AT 14:05

वो जब लिखता है तो
हाल-ए-दिल लिखता है
सुना है आजकल वो
मुझको बे-दिल लिखता है

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9 MAR 2021 AT 14:54

When is the relationship broken by heart
बदल जाते हैं नजदीकियों के रिश्ते अक्सर
ये सच है या बस गुमां है
ये कह कर तोड़ बैठा वो दिल मेरा
बस अब मेरा मन कहां है
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बेदर्द को भी ,दर्द का अहसास हो जाए,
उसका दिल भी ,मेरे दिल के पास हो जाए।
अभी तो ग़म से लबरेज़ है ये जिंदगी मेरी,
गर तू लौट के आये तो,फिर से खास हो जाए।
पत्थर के बुत से मांग कर क्या मिला तुझे,
वो मसीहा बनके आये,तो,पूरी तलाश हो जाए।
दिल में क्या क्या लिये बैठे हैं वो पर्दानशीं,
वो 'बेदिल'खंजर ए क़ातिल,बेपरदा काश हो जाए।
@बेदिल(kaaalaaa)

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14 JUN 2023 AT 12:10

तुम मिले तो मालूम हुआ कि दिल सलामत है मिरा
बेदिल अगर हुआ रहता तो धड़कता नहीं बेतहाशा
----राजीव नयन

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नक़ाब लगाये,इस दुनियां के,
ख़िलाफ़ सितम के,डट जाओ।
सहना भी है एक गुनाह,
ख़िलाफ़ ज़ुल्म के, डट जाओ।
आईनों पे तस्वीर लगाकर,
कहता है यही अच्छे दिन है,
सिर्फ़ भरम है, सच नहीं है,
ख़िलाफ़ भरम के ,डट जाओ।
जो बाँटे इंसानियत को,
और फैलाये हैवानियत को,
वो धरम नहीं, एक धंधा है,
ख़िलाफ़ अधरम के,डट जाओ।
दिन दहाड़े इज्ज़त लूटे,
और किसी की मूरत टूटे,
यूँ अंधे मत बनो 'बेदिल',
ख़िलाफ़ दुषकरम के,डट जाओ।

---बेदिल





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15 NOV 2019 AT 16:48

तुझे दिया तो मैंने कुछ ऐसे दिया
कि फिर मैं ताउम्र बे-दिल ही रहा

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21 AUG 2022 AT 16:45

दुःख का रोना क्यों रोये,
दुःखी तोह सब ही होय,
जो दुःख का दुखड़ा भजे,
उससे बेदिल ना कोई होय।।

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जब अपनी जरूरतें , सब एक तरहा की हैं ,
फिर तेरी मेरी राहें , क्यों ज़ुदा ज़ुदा सी हैं ।
कभी गिराये , उठाये ,कभी जगाये ,सुलाये ,
तुम्हारी फ़ितरत भी , कुछ कुछ हवा सी है ।
अपने हिस्से के निवाले , सबको बाँट देती है ,
ए परवरदिगार ,तेरी सीरत भी, मेरी माँ सी है ।
ज़ालिम ज़माने ये बता , अब क्या सजा देगा ,
मादरेवतन से प्यार की , हमने भी ख़ता की है ।
हर मैयार तेरा , किसी ख़ाक ए ख़्वाब पे बना ,
तेरी ख़ुशियों की लहरें , ग़रीब की सदा सी है ।
खड़े हैं उसी राह पर , हमें छोड़ के जाने वाले ,
गुनाह नहीं ' बेदिल ', सिर्फ़ तुमसे वफ़ा की है ।

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