Paid Content
-
शोक में डूबा हुआ है देश मेरा, एक युग का अंत हुआ है आज
स्वर साम्राज्ञी ने जीवन के संगीत का अंतिम सुर छुआ है आज-
#iamnishaan
उससे लड़ कर नहीं, खेलते-खेलते ही अच्छा हो जाता हूं
जब भी बड़ी मुसीबत आई है कोई तो बच्चा हो जाता हूं-
घर संभालना भी है मुझे, और ख़ुद भी संभलते रहना है
मैं वो दीया हूं जिसे हर तरह के तूफान में जलते रहना है-
अपनी जगह टिके रहना किस्मत है कुएं की
हवा के साथ बहते रहना मजबूरी है धुएं की-
यही हमारी आदत है और हम ऐसे ही रिश्ते निभाते है
किसी से मदद मांग लेते हैं किसी के काम आ जाते हैं-
ये बात अलग है कि वेब सीरीज भी बन सकती है
मगर नौकरी आईपीएस की भी ख़तरे में रहती है-
'निशान' कैसे कहूँ कि ये सियासत का दौर अच्छा है
वही सुरक्षित नहीं है, जिसके हाथ में हमारी सुरक्षा है-
घर कहीं गुम हो गया है उसको खोजता फिर रहा हूँ मैं
बेजुबां इन सब तन्हा इमारतों से पूछता फिर रहा हूँ मैं
कभी कच्चे मकानों में पक्के रिश्तों के साथ रहता था
अब उन सब से अलग कहाँ हूँ, सोचता फिर रहा हूँ मैं-
नसीहतों से कह दो अभी मैं मग़रूर हूँ
हालांकि सच ये है कि बहुत मजबूर हूँ
दिल का शहर, मरहम समझता है हमें
चोट खाये आशिक़ों में, ऐसे मशहूर हूँ
अब तो मेरे घर का पता ही मयखाना है
और दुनिया समझती है मैं नशे में चूर हूँ-