मेरी ख़ामोशी से जिन्हे फर्क भी ना पड़े...
वो खुद को मेरा बेहतरीन दोस्त जताते है ,
अजीब है ना...!!-
but... if y... read more
सुनो...
बात ये है कि काश की जिंदगी fantacy सी होती,
पर आलम ये है कि जिंदगी का फंदा ही बन बैठी है।-
हमें मालुम है की,
किन- किन रिश्तों में स्वार्थ भरा है,
हम खामोश इसलिए है कि,
शायद ये उनकी नादानियां हो।।-
कभी हमे भी लगता है कि काश...
कोई तो होता,
जो वक्त बेवक्त मेरी बातों को सुनने को राज़ी रहता,
फिर याद आता है,
जमाना तो लेनदेन का है,
फिर यारियां कोई कैसे बेमतलब निभाएगा।।-
मुश्किलों में हम जिनके साथ खड़े रहे हमेशा,
मेरी मजबूरियों पर उन सभी ने बस नसीहतें बयान किया,
माना होगी हमारी भी गलतियां,
पर हरबार थी...
ये जता कर उन्होंने साथ ही छुड़ा लिया।।-
हमें लगता है...
हद से ज्यादा यकीन होना बेहतर है,
पर वो भी एक हद तक ही,
...
कभी किसी बात पर,
हमारा दिल हमीं को टोक बैठे कि...
इस बात पे तो दिल को यकीन हुआ नहीं,
और दिमाग कहे
मेरा अपना मुझसे झूठ कैसे कहेगा,
तब....
दिल की मान लेना चाहिए।।-
अपनी किस्मत पर हम रश्क करे भी तो कैसे,
जब हाथ आती खुशियां रेत सी फिसल जाती है।।-
उन आँखों की खामोशियों को वो समझ भी ना सके,
बिन कहे पढ़ लेने के जिनके दावे हज़ार थे।।-
कहने को साथी तो बहुत है हमारे,
असल में जो साथ दे वो मिला ही नहीं,
कहने को साथी तो बहुत है हमारे,
ख़ामोशी में अल्फाज बुने वो मिला ही नहीं,
कहने को साथी तो बहुत है हमारे,
दर्द कि दास्तां सुने वो मिला ही नहीं,
की रिश्ते सिर्फ मान लेने से ही नहीं बन जाते,
कहने को रिश्ते बहुत से साथ है हमारे,
आंसुओं में कंधा दे जाए वो तो मिला ही नहीं।।-
चलो माना कि थोड़ा संस्कारी सा है वो,
पर घर आंगन से बाहर बवाली सा है वो,
चलो माना कि मुकद्दर में खयाली सा है वो,
पर इश्क़ - मोहब्बत से आगे तलक़
मुझमें अब भी शामिल सा है वो,-