हो नहीं हमारे फिर भी बेताब किये जा रहे हो
जानकर भी हम क्यूं इंतजार किये जा रहे हैं
-
मुझसे दूर हो
तुम बिन ये तन्हा दिल मज़बूर है,
तुम करीब हो फिर भी मुझसे अनजान हो
ये तन्हा दिल तुमसे मिलने को बेताब है,
तुम करीब हो फ़िर भी खोये-खोये रहते हो
ये बेचारा दिल तुम बिन बेचैन है,
तुम करीब हो फ़िर भी,उखड़े-उखड़े लगते हो
जैसे ये मेरी साँसें, ये धड़कने मुझसे दूर है,
कहने को तो हम दोनों एक है,
लेकिन तुम मुझसे दूर हो, मैं तुमसे दूर हूँ...!-
उन होंठों की बेताबी क्या काम की।
नसीब में जिसके बस खाली जाम हो।-
पता नहीं वो शख्स,
कितना बेताब था,,,
थी एक बूंद की प्यास ,
और खोदा तालाब था ,,,-
आप पहलू में जो बैठे तो संभल कर बैठे
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की..
-
आज कल जागती हूं रातों में,
पर साथ तेरी याद नहीं किताब होती है।
मेरे सपने; मेरी हर एक उम्मीद,
हकीकत से मिलने को बेताब होती हैं।
❣️❣️❣️😊❣️❣️❣️-
एक वक़्त था,
बेताब थी आपसे मिलने के लिए।
एक वक़्त आया ,
बेताब हुई आपसे दूर जाने के लिए।-
ये इश्क का मौसम और तेरा सख्त रवैया,
लगता है जान लेने को तुम बेताब बड़े हो !-
तुम्हें गले लगाने को बेताब हूँ मैं
देखा था जो तुमने वो ख़्वाब हूँ मैं
आईने में ढूँढती हो तुम जो चेहरा
उसी चेहरे को छुपाता नक़ाब हूँ मैं
जिस ख़ुश्बू से महकता है जिस्म तुम्हारा
पहचानो जरा वही महकता गुलाब हूँ मैं
दुनिया में सबसे नशीली तुम्हारी आँखे
उसी नशे से बनी हुई शराब हूँ मैं
अब तक बची है जो लिखी जानी
उन्हीं अधूरी कहानियों की किताब हूँ मैं
लगती हो तुम मुंबई सी मायानगरी
डरती हो क्यों जैसे कि कसाब हूँ मैं
मन में तुम्हारे हैं जितने भी सवाल
उन सारे सवालों का एक ही जवाब हूँ मैं
-