बुन्देलन की सुनो कहानी हम तो तुमे सुना रए
छत्रसाल से राजा हम तो चरनन शीश नवा रए
अपनन को साथ न पाओ तो भी अपनो राज बसाओ
करी लड़ाई भीषण इत्ती और भगवा को मान बढ़ाओ
छत्रपति ने करी बड़ाई कई कुलदेवी ने भेंट कराई
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ना चैत्र न आषाढ़ न ज्येष्ठ न भादों न कार्तिक,
हैं घनघोर बरसत सावन हम!
क्रोध से जिनके कंपित धरा,
वे परशुराम के वंशज,हैं बुंदेलखंडी वामन हम!!-
काय परी अलसानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
मूंड़ पे डारे चदरा- पटका
कसर-मसर तोड़त हो पलका
उठ बैठो महरानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
उठ के कारज रोज के कर ल्यौ
भगवन की छवि ध्यान में धर ल्यौ
भूल के बात पुरानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
भारत देस हमारो प्यारो
योगासन है सबसे न्यारो
दुनिया जाकी दिवानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना
काया के सब रोग मिटा ल्यौ
योग करन की लगन लगा ल्यौ
छोड़ो अब मनमानी, ओ बिन्ना
हो गई भोर सुहानी, ओ बिन्ना-
बड़े गंभीर से होके वे बोले हमसे
भज्जा जो ज़िंदगी सर्कस आय
हमने कई और तुम आओं जोकर!
अब तो बत्तीसी दिखाई दो अपनी
की के इशारे को इंतजार कर रहे
के दांत नहीं मांजे का मौ धोकर!
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂-
हमने कई
काये जू का बात है आजकल तुम बड़े मुस्किया रहे!
को आय एसो ?जीसे तुम रात दिन इतेक बतिया रहे!
वे बोले भज्जा बिन ऊके ना दिन कटत न कटत रात!
का कए देख के सब भुला जात जब वो सामने आत!
हमने कई गुरु शायद नओ नओ आय तुमाओ प्यार!
हमायी तरफ से जो रुमाल रख लो काम आए यार!
जब न दवाई लगे न दुआ ,हो जों तुम निक्कमे बेकार!
कायिकि गुरु भौतई जल्दी उतरने तुमाओ जो बुखार!-
काय जू इते सुनो, का कई अबे तुमने जा
के दिन डूबत चलीं आयियो राते हवेली खों !
सुनो जू तुमें हम बिना डकारे सेंगो कच्चो लील जेहें
तुम समझ न लियियो हमें मीठो पान बरेली को!
और हमसे कभऊँ भी भूलकें भूले से भी जिन उलझियो
कायेकी एक तो हैं हम वामन ऊपे भी बुन्देली!
सो सुनो भज्जा हमाओ दिमाग तो हमेशा रेतई है गर्म
पर जुबान से भी निकरत हैंगी भज्जा धड़ाधड़ गोली!
ईसे अबईं बता रये तुमें सो ध्यान में धर लियीयो जो बात!
और हमाये सामनें मौं खोलवे से पेलें सोच लीयियो बिलात!
कायेकी तुमें पतो जिन हो तो बतायें दे रये बात अलबेली!
के करई से भी जादा करई होत भज्जा ,नीम चड़ी करेली!-
सुनो भज्जा भूल के भी न जयियो तुम
कभऊँ भी जो बकवास प्रेम की गैल!
कायेकी न तो है इते कोऊ सूधरी गईया
और न है इते कोऊ बिना सींग को बैल!
कोई के मन में कम कोऊ के में ज्यादा
पर है सबके ही मन में इते मैल ही मैल!
और नईंया हमपे विश्वास तो करके देख लो
दो चार दिना में खुदयी केन लगो गो टू हैल!-
वैसे तुम का हमेशयी करत हों, इतनी बकवास जे!
के आज कछु ख़ास है या फिर तुमाओ रेत उपास है!
जो जब देखो तबयी, आके हमाओ दिमाग खात है!
काय जू हम का तुम्हें,कौनऊ फल फलूट से दिखात हैं!
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बहुत बड़ी है जिंदगी और इमे ते हती खास...
देख आके, मोरी जिंदगी तेने कर दई नास...
तोरे संगे जीवो चाहत ते जा जिंदगी ...
और देख ते ही निया मोरी जिंदगी में नेगर पास...
हमाओ बुंदेलखण्ड ,और हम बुंदेली ।।-