झूठी शान शौकत से चलने वालों की
कुर्बत पर आज एक लौ तक नहीं जलती है
रे सुन कब्र है तेरी आखिरी मंजिल
बाकि सब साथी तो बस बाराती हैं-
सिर्फ मन ही मन लिखते थे पाती,
अगर बोल दिए होते तो न होते,
आज मेरे शौहर के बाराती 😃😃।-
इश्क में तेरे कभी दिया कभी बाती हुए।
तेरे ही शौहर की बारात के बाराती हुए।।-
हम बोले थे, चिलाये थे, रोये थे खूब पीटे थे छाती।
घरवाले तेरे माने नी,हम बन आये तेरे शौहर के बाराती।।-
जीते जी आता नहीं कोई बन कर संगी यां साथी,
मर गए तो आ जाएंगे सब ऐसे जैसे होते हैं बाराती...-
इस हद तक
"पलक-पाँवड़े" भी
मत बिछाओ कि
"घराती" ख़ुद को
"बाराती" समझने लगें।
☺️आगे आपकी मर्जी☺️-
एकाध दिन के "बराती"
ऐंठ दिखाएं तो
बात समझ आती है।
स्थाई "खैरातियों"को
गुर्राने की मोहलत क्यों?
😊देश पूछता है😊
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खुद को क्या लिखूं गिड़गिड़ाता हुआ जज़्बाती हूँ
पात्र, द्रव, चिंगारी कोई और मैं सिर्फ अदना बाती हूँ
जा न अब खुश रह केवल इश्क़ नही शादी भी करले
मेरा क्या था और क्या है मैं तो सिर्फ भाड़े का बराती हूँ....!
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उसने मेरी मोहब्बत की बारात कुछ इस कदर निकाली।
के बाराती और खैराती बनकर हमारी इज्जत कि की नीलामी।-
आज कल कुछ तथाकथित समाज सेवक पोस्ट डाल रहे हैं कि...
अगर ये 8-10 बाराती लेकर शादी करने वाला रिवाज़ परमानेंट हो जाये तो. बहुत सी बेटियों के पिता कर्ज़दार होने से बच जाएंगे।
.... इनमें से बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिनके अपने किसी सगे सम्बन्धी की शादी होगी तो ये पैसा पानी की तरह बहायेंगें। ट्रक भरकर दहेज लेंगे ओर खुब ठूंस ठूंस कर खायेंगे। अगर आप इतने ही बड़े समाजसेवक हो तो यह प्रतिज्ञा क्यों नहीं लेते कि चाहे मेरे अपने किसी भी दोस्त भाई रिश्तेदार या अन्य किसी की भी शादी हो यदि वे 10 लोगों से ज्यादा बुलायेंगें तो हम ऐसे किसी भी समारोह में नहीं जायेंगे।-