हीरे से भी अधिक कठोर पदार्थ .....
उनका हृदय जिन्होंने
आपके प्रेम का मोल नहीं जाना।-
जो आया है वो जाएगा।
फ़िर कोई और आएगा।
ये जिन्दगी सड़क है साहब।
यहां हर मुसाफिर एक रास्ते पर,
उतर जाएगा।-
तुम्हारें सारे एहसानों को।
अपने सर उठा रक्खे है।
ख़ामोशी बहकर आएगी एक दिन।
दरिया ने कई दुःख उठा रक्खे हैं।-
बचपन के अपने निशान ढूंढ़ते हैं।
पढ़े-लिखे लोग शहरों में गाँव ढूंढ़ते हैं।
धरती की कोख से पेड़ों को उजाड़ कर।
धूप से बचने को अब छांव ढूंढ़ते हैं।-
फसलों सा लहरा ना सको तो।
बस एक दाना बन जाना।
जिस दिन फूटोगे इस धरती से।
सारा जंगल बन जाना।
तन्हा भी हो जाओ भीड़ में।
जुगनू को देखकर सो जाना।
हर सूरज उगता है उम्मीदों का।
एक दिन तुम ख़ुद सूरज हो जाना।
तुम बंजारे इस धरती के।
इतना सबसे कह जाना।
इंसा हो तुम इतने प्यारे।
बस इंसा बनकर रह जाना।-
ख़ुद के गर तुम हो ना सको तो।
यूं करना किसी के हो जाना।
प्यास बनो ना बनो किसी की।
बहता पानी हो जाना।
दुआ मिलेगी सूखे कंठों से।
तुम ऐसा अमृत हो जाना।
और कुछ तुम हो ना सको तो।
बस मीठा दरिया हो जाना।
चिड़िया बनकर ना चहक सको तो।
प्यारी कोयल हो जाना।
राह देखना तुम भी सावन की।
और खुद सावन हो जाना।-
*आमंत्रण पत्र*
मान्यवर ..........................................
अत्यंत हर्ष के साथ सूचित करने में आता है कि हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा के उपलक्ष्य में पूर्व आचार्य सम्मान समारोह एवं पूर्व छात्र मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसमें आपकी गरिमामयी उपस्थिति सादर प्रार्थनीय है।
*कार्यक्रम दिनाँक*
*09-04-2024*
*चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा गुड़ी पड़वा।*
फेरी एवं तिलक समारोह - प्रात: 8 बजे से।
आचार्य सम्मान समारोह-प्रात: 10 बजे से।
अन्न ग्रहण एवं समापन - दोपहर 1 बजे।
हमारे आमंत्रण को विनम्र आग्रह समझे और कार्यक्रम में पधार हमें अनुगृहित करे।
निवेदक समस्त पूर्व छात्र सरस्वती शिशु मंदिर
ग्राम लोलकी।
संपर्क सूत्र -9752380545-
कभी कभी हमारी प्रार्थना इसलिए भी पूरी नहीं होती है
क्योंकि जो हमें सबकुछ देता है।
हम उसे ही कुछ देने की कोशिश करते हैं।
प्रेम हो या भगवान् दोनो जगह
यह तथ्य लागू होता हैं।-