जवाब देने हैं, सवाल बाकी है
दिल में अब भी मलाल बाकी है,
नया रंग उमड़ आया बादलों पर
पूछना उनसे उनका हाल बाकी है,
इक कागज की कश्ती बहाई थी
देखना हवाओं की चाल बाकी है,
शोर तेज है आज धड़कनों का
वो करीब हैं, ये खयाल बाकी है,
पिघल रहा वक्त 'दीप' हर लम्हा
ख़ामोशियों का ये साल बाकी है !-
सादगी इतनी भी नही है बाकी मुझ में
की
तू वक़्त गुज़ारे और में मोहब्बत समझू-
बाकी रह गया है
मैंने तो उसे जता दिया कि उससे प्यार करता हूं।
फिर भी कसर कुछ बाकी रह गया है !
जिंदगी के कुछ पल भी जी लिए हैं हम ने,
फिर भी सफर कुछ बाकी रह गया है !
उसे तो सब मालूम है हालात मेरी क्या है?
फिर भी खबर कुछ बाकी रह गया है !
लगता है सब कुछ बहुत जल्दी हो गया ,
फिर भी सबर कुछ बाकी रह गया है !
सुना तो था इस 'जहर' को; पहचान नहीं पाया,
शायद! इस 'जहर' में 'लहर' कुछ बाकी रह गया है!-
इश्क़ है अब भी तेरा दिल में मेरे बाकी
रूह बाकी है अभी जिस्म से मेरे जाना-
पिघल रही है तेरे इश्क़ के मानिंद हया,
आबरू बाकी आरज़ू की आज रहने दो !-
जज़्ब है मुझमें आज भी कहीं खयाल तेरा,
आज भी बाकी है फिज़ाओ में खुशबू तेरी !
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सोचा था हमने
एक आशिया होगा सपनोका, वो मल्लीका वहाकी
शिसेके थे सपने शायद टुटनाही था बाकी-
"तेरे होने के... अब भी कुछ निशान बाकी हैं"
मेरे बदन पर, तेरी छुअन के निशान बाकी हैं
मेरे बालों पर, तेरी उंगलियों के निशान बाकी हैं
मेरे कांधे पर, तेरी ज़ुल्फों के निशान बाकी हैं
मेरे पैरों पर, तेरे कदमों के निशान बाकी हैं
मेरे गालों पर, तेरे होठों के निशान बाकी हैं
तेरे होने के, अब भी कुछ निशान बाकी हैं
लकड़ी की उस बैंच पर, हमारे मिलन के निशान बाकी हैं
उस आईसक्रीम स्टॉल पर, हमारे पिघलने के निशान बाकी हैं
उस सिनेमाघर में, 'एक स्ट्रॉ से पीने' के निशान बाकी हैं
उस पार्क की गीली घाँस पर, तेरी-मेरी साँस के निशान बाकी हैं
मेरी रूह में, तेरी मदहोशी के निशान बाकी हैं
तेरे होने के, अब भी कुछ निशान बाकी हैं...
- साकेत गर्ग 'सागा'-