ये कैसी उदासी है
जो छाई आँखों में हैं ,
समझा था जिन्हें अपना
उनकी गिनती अब बेगानों में हैं
अपनों की गद्दारी में ऐसे उलझे
की खुशी ही खो गई कहीं ,
न जाने यहाँ गलत कौन
कौन सही ....??-
Thanks and gratitude to the infinite
depths of the heart of the Yourquote
team, which I found worthy..-
उनके दिलकश मुस्कुराहट की तो बहुत कहानियां सुनी है मैने,
एक हमारे भी नाम हो जाए तो क्या बात है।-
झूठ हर किसी से बोला नहीं जाता
रिश्तों को तराज़ू में तोला नहीं जाता
दिल में कितनें दर्द हैं बताऊँगा किसी दिन
हर दिन एक ही राज़ खोला नहीं जाता
हँसकर सह लिए ज़ख्म उफ़ तक नहीं की
बहते हुए ज़ख्मों को फ़िर टटोला नहीं जाता
जिसके इन्तज़ार में आँखे सुखाये बैठे रहे
उससे एक दरवाज़ा तक खोला नहीं जाता
भले ही वो दिल तोड़कर दूर चला गया हो
मेरे दिल से उसका चेहरा भोला नहीं जाता
बहुत हुआ अब बेवजह तड़पना आख़िर
आँखों में है बेवफ़ाई का शोला नहीं जाता
चाहे जितनी तोहमत लगा लो "आरिफ़" को
पर आश़िक को गुनेहगार बोला नहीं जाता
"कोरा काग़ज़" ही होता है इश़्क श़ुरूआत में
झूठ नफ़रत का इसमें कभी घोला नहीं जाता-
बाखुदा, नजरोंसे तो बहुत कुछ कहा था उन्होंने,
जब जुबां से कहने की बारी आई तो न जाने क्यों मुकर गए।-
बहुत तकलीफ होता है यार.........!
जब कोई दर्द देकर पूछता हैं.........!!
किया हुआ उदास क्यों हों .......!!!-
सब कुछ अधूरा सा शांत चुप सा
ना तुझे भूलना है,ना बिन तेरे रहना है
हां.... शायद अधूरी शिकायतों में दर्ज है...जो कुछ सवाल
जिसके जवाब तेरे पास पास भी है.. मेरे पास भी
आखिर इतनी बेरुखी किस लिए???-
वो तीन बच्चे बेहद भूखे थे।
मेरी नजरें उन्हें देख मुझे एहसास हो गया।।
मैंने हाथों में लिया एक अमरुद था।
उसे देख मेरा मन उदास हो गया।।
ना जेब में पैसे लिए थे, ना थे देने को रोटी।
मैं करता भी क्या अब किसी और ने ना देखी उनकी मजबूरी।।
मैंने गुहार लगाई उनमें से एक दौड़ा चला आया।
मेरे हाथों से अमरूद लिए वो खुशियों से भर आया।।
अब एक का मन तो खुश हुआ और दो का था उदास।
उन दोनों का चेहरा देख अब मेरा भी मन भया उदास।।-
कभी कभी तेरी गलियों से गुजरते है इसलिए,
कहीं रूह में मेरे तुम्हारे एहसास दम ना तोड़ दे।-
भला कैसे मिलेंगे तस्सली के शब्द यहाँ,
लोग दिल मे जो दिमाग़ लिए घूमते हैं।-