कितने खुस थे आप सुदामा के अपने घर आने पर
नंगे पांव ही भागे थे उसके एक आवाज लगाने पर
तीनों लोक ही लुटा दिए जरा से चावल के दाने पर
"सुमित" मर जाउँ मैं यार कृष्ण के ऐसे याराने पर-
🎯 (Birthday :- 06/May💐🎂💐
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तेरी दोस्ती को मैं ज़िंदगी की जान मानता हूँ
लबों की मुस्कुराहट दिल का अरमान मानता हूँ
खुदा के बनाये रिश्ता बहुत अनमोल हैं लेकिन
इस दोस्ती को ही मैं अपनी पहचान मानता हूँ
अब अपनी ख़ुशनसीबी का सुरूर सा रहता है
हर मुश्क़िल अपने सफ़र की आसान मानता हूँ
अब तो यही दुआ रहती है लब पर तेरे लिए
रब से तेरी खुशियों का सब सामान माँगता हूँ
तुझे जिस लम्हें दिल मेरे दिल तक मोड़ दिया
मैं उस लम्हे का हर वक़्त एहसान मानता हूँ
समझ जाये बातें मेरी तू लब खोलने से पहले
और मेरे साथ गुनगुनाये वो ज़बान मानता हूँ
सुमित बहुत कुछ सीखा दिया मुस्कान ने मुझे
मैं इनको हर पल हर लम्हा भगवान मानता हूँ-
ना हीरों की तमन्ना है और ना मैं परियों पे मरता हूँ
वो एक भोली सी लडकी हे जिसे मैं प्यार करता हूँ-
जब से तेरी चाहत अपनी ज़िन्दगी बना ली
तब से हमने उदास रहने की आदत बना ली
'सुमित' हर दिन रात गुजरती है तेरी याद में
अब तेरी यादें हमने अपनी इबादत बना ली-
इस दिल में तेरी कमी को मैं दवाउँ कैसे
अब तुझपर अपना हक़ मैं जताऊँ कैसे
दिल तोड़ दिया मेरा कोई बात नहीं पर
तूम बेवफ़ा हो ये सबको मैं बताऊँ कैसे-
उसके शहद से मीठे होठ और मुझे सुगर का रोग
हक़ीम साहब तुम रहने दो हमसे ना होगा परहेज़-
आज उस पगल की याद में आँखे बहुत रोयीं है
मेरी जान निकल रही है वो आराम से सोयी है
उसको कोई फ़र्क़ ही नहीं मेरी जान गिरवीं रखी है
"सुमित" ने तो उसके लिए अपनी ज़िंदगी खोयी है-
मैंने गलती तो नहीं की सच बता कर तुमको
अपने दिल के हालातों को दिखा कर तुमको!
कल रात मैं भूखा ही सो गया पर खुश था
अपने हिस्से का खाना भी खिला कर तुमको!
तुम जमाने की बातों पे ग़ौर मत करना कभी
मुझसे बहुत दूर कर देगा बहला कर तुमको!
एक पागल है जो याद बहुत करता है तुम्हें
सारी रात भर जागता है वो सुला कर तुमको!
जरा सोचो तो ज़रा कितनी सच्चाई है उसमें
वो गया भी तो सारी सच्चाई बताकर तुमको!
"सुमित" छोडो यार इस पागल के लिए रोना
बताओ तो क्या मिला आँशु बहाकर तुमको!-
उस बात को भूल जाओ जो बात हो गई पुरानी
अब इस दौर में लिखेंगे हम मिलकर नई कहानी
बस एक इच्छा पूरी कर दो तुम मेरे दिल की
मुझे बना लो राजा और तुम बन जाओ रानी-
उसकी मोहब्बत में हम इस क़दर बदनाम हो गए
उनके और हमारे प्यार के चर्चे भी सरेआम हो गए
आज बोली लगी "सुमित" की मोहब्बत की दोस्तों
सबसे कम पैसों में हम उनके लिए नीलाम हो गए-