बात आज भी आपसे,
बडी प्यारी होती...
अगर बात करने जैसी,
आपमे कोई बात होती ll
बातो बातो मे बता दिया आपने...
बाते करने का तरीका,
संभल गया मै तभी...
नही तो हो गया था मुझे,
आपसे बात करने का फोबिया ll
अब तो..
मेरे बातो का बोझ,
और बातो से बदनामी...
सून ली है मैने,
आपही के जुबानी ll
अब फिर बातो से ना बढाओ,
अपनी नजदीकीया...
अच्छी है थोडी इसमे बेताबिया ll
क्यूकी.., किसिके आने से..
लौट आई हे मेरे जिंदगी मे,
ढेर सारी खुशिया ll
(Shubham Deøkar)
-