बेमतलब की बात, ढ़ेरों हुईमतलब की बात ये हुई...की.. कुछ तो बात हुई ।— % & -
बेमतलब की बात, ढ़ेरों हुईमतलब की बात ये हुई...की.. कुछ तो बात हुई ।— % &
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वो बेवफाई का दर्द..तुम्हे क्या पता ए-सनमतुम्हे तो दिल टूट ते देख अच्छा लगता है -
वो बेवफाई का दर्द..तुम्हे क्या पता ए-सनमतुम्हे तो दिल टूट ते देख अच्छा लगता है
आंखों में छुपा कर नींद कोसपने तारास ते रहेसपनों में जो मुलाक़ात हुई तुम सेआंखों को नींद सेमोहब्बत ही हो गई -
आंखों में छुपा कर नींद कोसपने तारास ते रहेसपनों में जो मुलाक़ात हुई तुम सेआंखों को नींद सेमोहब्बत ही हो गई
फटे कपड़े देख लोग भिखारी समझते थेथोड़े अच्छे कपड़े क्या पहन ने लग गयालोग तो हमे चोर ही समझने लग गए -
फटे कपड़े देख लोग भिखारी समझते थेथोड़े अच्छे कपड़े क्या पहन ने लग गयालोग तो हमे चोर ही समझने लग गए
जब उसने छेड़ा है ,हम भी छोड़ेंगे नहीं;हाथ वो छोड़ गई है...पर हम भी जोड़ेंगे नहीं | -
जब उसने छेड़ा है ,हम भी छोड़ेंगे नहीं;हाथ वो छोड़ गई है...पर हम भी जोड़ेंगे नहीं |
उसे भी क्या मजा आता है दिल दुखा करइक दर्द ख़तम होता नहींदूसरा दे जाती है -
उसे भी क्या मजा आता है दिल दुखा करइक दर्द ख़तम होता नहींदूसरा दे जाती है
हर तमन्ना में अब आरज़ू है तेरीके आज भगवान भी कह गएबेटा, अपने लिए भी कुछ मांग लेे । -
हर तमन्ना में अब आरज़ू है तेरीके आज भगवान भी कह गएबेटा, अपने लिए भी कुछ मांग लेे ।
हमने कहा ,छोड़ क्यूं नहीं देते हमे इतनी नफरत है अगर ?उसने कहा ,तुम्हे पल पल मरते देख अच्छा लगता है । -
हमने कहा ,छोड़ क्यूं नहीं देते हमे इतनी नफरत है अगर ?उसने कहा ,तुम्हे पल पल मरते देख अच्छा लगता है ।
मैं अपने छत पर था और वो अपने छत पर थीपर इस बार फासला छत का नहींदिलों का था । -
मैं अपने छत पर था और वो अपने छत पर थीपर इस बार फासला छत का नहींदिलों का था ।
बयान - ए - खूबसूरती जब हम करने लगेधूप में खड़े तुझे निहारने लगे नजर जो हटी तस्वीर से तेरी..शाम में खड़े और धूप हम ढूंढ़ने लगे । -
बयान - ए - खूबसूरती जब हम करने लगेधूप में खड़े तुझे निहारने लगे नजर जो हटी तस्वीर से तेरी..शाम में खड़े और धूप हम ढूंढ़ने लगे ।