बदनाम गलियों में ही आशियाँ हैं हमारा,
तवायफ़ है जनाब, और नहीं है कोई ठिकाना...!-
जानते हो इश्क़ हारने वाले लोग
मशहूर क्यों होते हैं......?
इश्क़ के तो गलियां ही बदनाम है,
और बदनाम गलियों से गुजरने वाले
मशहूर तो होंगे ही।-
बदनाम गली की
शायर हु मैं,
तेरे दिये ज़ख्मों से
घायल हु मैं..........-
क्यों करते हो बदनाम गलियों को,,
वहां तुम जैसे शरीफों का आना जाना है..!-
काश!
तुझें भी,मुझे भी,उसे भी,
हर किसी को इश्क़ होता।
तब सबसे ज़्यादा मैं खुश होता,
पूछो क्यों ?
क्योंकि फिर मेरी गली भी बदनाम होती
और तेरा मोहल्ला भी बदनाम होता।-
Bite dino me wo kya suhani sham hoti thi, dil ko chu jane wali mulakat hoti thi, guzrte the jab tumari gali se ankhon hi ankhon me baat hoti thi...
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लगाकर इल्ज़ाम -ए- मोहब्बत उन्होंने,
हमें कुछ इस कदर बदनाम किया, की शरीफों के मोहल्ले में एक बदनाम गली भी है!-
गली हमारी यूँ ही बदनाम हो गयी है
किस्से तो उनकी गली के मशहूर हैं...-