सफ़र शुरू हो जाएगा कल से फिर वही पुराना
मग़र.... नज़रिया कुछ नया होगा
सफ़र तय करने का सलीका वही पुराना
मग़र.... तरीका कुछ नया होगा....-
तजुर्बा बहुत कुछ सिखाता है
समझना है तो हुनर को समझिए
जनाब
उम्र किसकी असली... read more
हर रात पुकारती है
हर दिन समझाता है
कुछ तो कम है आज
ये हर बीता रात कह जाता है
मैं फिर दिन का इंतजार करता हूं
कल को बेहतर करने की सारी कोशिशें हर बार करता हूं ...
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किसी कि प्यास न बुझी
तो कोई प्यास बुझाने गया
ग़मों का मारा हर वो शख्स मैखाने गया...-
मेरे हाथों की लकीरों के अलावा सब ने मेरा साथ छोड़ दिया
मुर्शद... जो अपने थे उन्होंने भी मेरा हाथ छोड़ दिया-
किरदार बदलते रहे है हर बार कई लोगों के
लेकिन यार वही पुराना रहता है-
हर रात की कहानी बन गयी है
जो गुजरती जा रही हैं
ऐसी जिंदगानी बन गयी है
हम हर बार अकेले चले ये जरूरी तो नही
उस चौखट पे हमारे आहटो की निशानी बन गयी है
जंवा दिल का जंवा जोश है
मगर तेरे बिछड़ने के बाद रगों मे जैसे पानी बन गयी है
हर रात की कहानी बन गयी है-
हम हालातों से लड़ते लड़ते हार जाते है
फिर भी ए जिंदगी हम यूँ ही मुस्कुराते हैं
आँखों में आँसू और दिल में गम छुपाते है
फिर भी ए जिंदगी हम यूँ ही मुस्कुराते हैं
राहों में काँटे हर बार आते है
फिर भी ए जिंदगी हम यूँ ही मुस्कुराते हैं-
किस्से वही पुराने याद आते है
रोज किसी न किसी बहाने याद आते है
हम तो भूल नहीं पाते उन लम्हों को
खैर छोड़ो अब किसको अनजाने याद आते है
रोज उठता हूं इस उम्मीद में बिस्तर कि आगोश से
कि किसको वो फसाने याद आते है
रफ़्तार बदल ली है जमाने ने
अब कहा किसी को वो याराने याद आते हैं
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वो हर बात लिखवाती है हमसे
हर पल हर एहसास लिखवाती है हमसे
भूला हुआ हर राज लिखवाती है हमसे
वो की गई हर फ़रियाद लिखवाती है हमसे
किसी की याद लिखवाती है हमसे.......-
हर बार की तरह इस बार भी कुछ हाथ नहीं आया
साथ थे कई मुसाफ़िर इस सफ़र में पर कोई साथ नहीं आया
अपना ईमान कभी डगमगा जाए
इस क़दर कोई पास नहीं आया
बोल तो मै भी सकता था की बेइंतहा मोहब्बत है उनसे
पर यकीन मानो ऐसा कोई इस दिल को रास नहीं आया
वो भी सुनाते हैं किस्से वफ़ा ए मुहब्बत के
जिनके सफ़र में कभी कुर्बानी का वो मुकाम नही आया-