QUOTES ON #बदकिस्मती

#बदकिस्मती quotes

Trending | Latest
15 OCT 2019 AT 17:31

किसने कहा कि मेरा होकर ठहर
मेहमान बनकर आ और चले जाना
ये तो तुम्हारी बदकिस्मती होगी
किसी दिन तुम वक्त निकालकर आओ
और मेरा जहां से चले जाना

-



ये बुरा वक्त ही नहीं, तुम्हारी बदकिस्मती भी है,

कि किसी के मशवरें भी तुम्हें उलहाने लग रहे हैं।

-


30 JAN 2019 AT 19:17

कुछ दर्द इतने गहरे होते हैं,
कि आँसू बनकर बाहर भी नहीं आते,
बस... हम खामोश हो जाते हैं ।

-


6 MAY 2021 AT 21:30

बद -किस्मती ?


"अपनो के होते हुए भी अपकेलेपन का एहसास
ओर उनके प्यार के लिए तरस जाना ।।"

-


16 OCT 2019 AT 14:44

बदक़िस्मती भी हैरान...!
कि कमबख़्त ख़ुश कैसे...?

-


31 JUL 2021 AT 7:41

पूछो न मुझसे दोस्तों, मेरी बदकिस्मती का हाल
सुख को फोन लगाता हूँ, दुःख को लग जाता है कॉल

-


18 MAY 2019 AT 14:19

हाँ सच कहा तुमने बदल गयी हूँ मैं
पहले जब दिल दुखता था रोते रोते फेसबुक जाकर लोगों में घिरी रहती थी
झूठ का हँसते हँसते कब सच में हँसने लग जाती थी पता भी नहीं चलता था
पर अब जब भी परेशान होती हूँ,फेसबुक तो दूर किसी से बात भी नहीं करती
ना कॉल करती हूँ किसी को,ना रिप्लाई मैसेज का करती हूँ
अकेले में रहती हूँ बस सोचती रहती हूँ और रोती रहती हूँ
हाँ सच कहा तुमने बदल गयी हूँ मैं
पहले एक मिनट नहीं लगता था अपना मूड ठीक करने में,
अब तीन दिन भी कम पड़ जाते हैं,नार्मल होने में
पहले कोई भी बात एक पल में भूल जाती थी,अब रह रहकर सब किस्से याद आते हैं
पहले रोते रोते भी हँसती थी,अब हर छोटी बात पर भी आँख में आँसू भर आते हैं
हाँ सच कहा तुमने बदल गयी हूँ मैं
पहले बगावत करती थी हर बात पर अपने बाघी रहती थी
अब खामोश रहती हूँ ना हँसती हूँ ना रोती हूँ मैं
हाँ सच कहा तुमने बदल गयी हूँ मैं
पहले जो था पास मेरे उसी पर संतोष रखती थी,अब औरों की तरह ख्वाब भी सजाने लगी हूँ मैं
पहले ख्वाब टूटते थे तो दूसरे पल उन्हें जोड़ने में लग जाती थी, अब ख्वाब टूटते हैं तो टूट जाती हूँ मैं
पहले हर पल में खुशियाँ सजाती थी,हवाओं के साथ भी तन्हाई मिटाती थी मैं,
अब खुद को तन्हा समझने लगी हूँ मैं,महफिल में भी रुसवा रहने लगी हूँ मैं
पहले हर छोटी बात में भी खुश रहती थी,अब खुद ही खुद में बिखर गयी हूँ मैं
हाँ सच कहा तुमने बदल तो गयी हूँ मैं

-


2 SEP 2019 AT 21:30

आज आप बोल कर अजनबी कर दिया
उसके लिए ये इजात थी
और मेरे लिए एक बदकिस्मत थी
की हम उनके तुम भी ना हो सके !

-


25 AUG 2020 AT 19:16

बदकिस्मती ने छोड़ा मुझे, जो तेरे मोहल्ले में अकेला
मैंने उसे किस्मत समझ, हाथों की लकीरों में गढ़ दिया

-


11 FEB 2022 AT 14:58

एक

बदकिस्मती से बावस्ता
हंसे जा रहा हूं, जिए जा रहा हूँ।
मंजिल
धूल है मेरी
धूल फांकता रास्तों में
चले जा रहा हूँ, घुले जा रहा हूँ।।— % &

-