तूने ज़ख़्मों को दिया नमक, कौन कहे हम बहार पर चले
रखा तुझे फूलों पर सनम, बार-बार हम तलवार पर चले-
फिर उमड़ने
लगी वो
देखकर फूलों को
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महकने के लिए
बहकने के लिए
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कविता
मेरी...!!♥️
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उनकी औपचारिकता
में आपका
अपने लिए
प्रेम तलाशना
उतना ही
फिज़ूल हैं
जितना की
किसी तितली का
कागज के फूलों में
सुगन्ध को तलाशना !!-
फूलों का तारों का सबका कहना है
एक हजारों में मेरी yq बहना हैं
सभी बहनों को "बहन दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएं-
गेसुओं में मेरे तेरे प्यार का संदल महकता है।
मैं हवाओं सी एक लड़की हूँ, मुझसे जंगल महकता है।
चाँदनी की मेरी पैरहन, किरणों के मेरे गहने
भरा फूलों से जो तूने, मेरा आँचल लहकता है।
भर दिया सितारों से, तूने मेरी माँग में अफशां
तेरे लम्स की हिद्दत से, ये कोरा बदन दहकता है।
मैं राधा भी, मैं मीरा भी, और तेरी रुक्मिनी भी हूँ
तेरे हर रूप में लेकिन, तू बस कान्हा ही रहता है।
-सारिका-
फूलों से सीखा है मैंने मुस्कुराना,
दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाना,
कभी मंदिर, कभी मैयत में चढ़ जाते हैं
कभी उपहार,तो कभी प्यार का इजहार बन जाते हैं
गम में भी सदा मुस्कुराते हैं,
तोड़ने वालों के हाथों में भी,
अपनी खुशबू छोड़ जाते हैं...
Pic click by - saritamahiwal-
खुशियां मोहताज नहीं होतीं
हल्का सा मुस्कुराने पर भी
बड़ा अच्छा सा लगता है ...तब
खुशियां मोहताज नहीं होती....!!
Read my Captions…?-
तेरे वज़न के बराबर जानाँ ग़म रक्खा
फिर भी तुझे फूलों पर रखने का दम रक्खा-
तोड़ कर फूलों को बागों से हमने गुलदस्ता बना लिया रहता वो
तीन-चार दिन बागों में कुछ और कि हमने उसे कुछ पल में ही मुरझा दिया-
फूलों में फूल बहुत से हैं मगर सभी सुन्दर होते हैं
फिर भी एक सवाल है मन में गुलाब ही सबसे पसंद क्यूं
सभी को होता है ।-