वो सपनो की चादर जो फट गयी है
नशे में ही सही आज उसको सीते है,
चल थोड़ी पीते है-
मेरे इश्क की चादर.. दो हिस्से में फट गयी है...
कुछ तुझे पाने में और, कुछ समझाने में बंट गयी है-
कागज के सपने थे मेरे
वह भी फट गये
जो मेरे अपने थे, मेरे दिल और दिमाग मेरे रटे गये
सपने तो कागज की तरह टुकड़े टुकड़े से हो गए हैं
लेकिन जिन को दिमाग रट्टा गया है
वो थोड़े से शायद हसीन पल दे रहे हैं मुझे-
वो तो अच्छा है
भारत मे ज्वालामुखी नही है!
नही तो वो भी
इसी साल फट जाता😑😑😂😂_
🐍....😊😊😊😊-
जिसे तू ज्ञान कहता है तेरा रट्टाफिकेशन* है
झूठी शख़्शियत का झूठा जस्टिफिकेशन है-
काश ! हम रिश्तों को भी रफू कर पाते,
कमबख़्त कपड़ों की तरह वो भी बहोत फट चुके हैं।-
बचपन लिखा पेन्सिलसें लिख लिख कें पन्नें फाडें
गलतीखाॅं मिटाई
अब नहीं छूपती नहीं मिटती पन्ने भी फट जायें
नहीं मिटता अब लिखा तकदीर हो या छुपा नसीब का-
कानों के पर्दे फट जाएंगे आपके..!!
मेरी खामोशी मे वो धमाका है... 🖋️-