मैंने जिसके लिए मन्नत के धागे बांधे,
वो आजकल किसी और के साथ फरमाइश के धागे बाध रही है-
केवल दिल से लिखी जाती है
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Rajasthan India
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कैसे कहूं दूं तुम्हें सावन कि बारिश है तूं
तुम तो मेरी जिंदगी में बढ़ते तापमान को कम करने वाली ठंडी हवा सी है-
तकलीफ खुद को दीजिए
सहारा किसी दूसरों को दीजिए
ताकि पता चले कि तकलीफ और सहारे में कितना अंतर होता है
रुके हुए को चलते रहने के लिए प्रेरित करें
रोते हुए को हंसने के लिए प्रेरित करें
चाहे खुद के मन को करें या किसी दूसरे के मन को करे
लेकिन प्रेरित जरूर करें-
कुछ दिन उदासी के शहर में गुजर रहे हैं
कुछ कदम मेरे जा रहे हैं खुशी के गांव की तरफ
नुक्कड़ वाली गम की दुकान पर मैं आजकल कम ही जाता हूं
मेरा बेचैन दिल, आजकल गांव के छायादार वृक्ष के नीचे आराम कर रहा है
बढ़ चुका हूं मैं आगे, भूल चुका हूं मैं पीछे का
लिख चुका हूं मैं अपने दिल की बात
जो बिताई थी तुम्हारे साथ रात-
मैंने अपनी जिंदगी के नोटिस बोर्ड से
नकारात्मक लोगो, और नकारात्मक चीजों को
जब से नोटिस करना छोड़ा है
तब से मेरी जिंदगी खुशनुमा सी हो गई है-
तुम नहीं आई, तो भी मैं जी सकता हूं
तुम नहीं आई, तो भी मैं चाय पी सकता हूं ♥️♥️-
जितना खेल सकते हो ,उतना खेलो तुम
लेकिन किसी के दिल के साथ
किसी की भावनाओं के साथ
किसी की उम्मीद के साथ
कभी मत खेलना
हो सकता है तुम किसी की भावनाओं से खेलकर जीत जाओ
लेकिन जिसके साथ तुमने खेल खेला है, और वह हार गया
तो तेरी जीत भी हार होगी-
वैसे तो तेरी हर अदा ही ठगती है
मेरा दिल
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पर जब तू मुझे बुलाती है सबके सामने संदीप बाबू
तो मेरे दिल को एक मिठाई का डिब्बा सा दे जाती है
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जब भी इंसान की जिंदगी में दुख के पल आते हैं,
तो उस इंसान को वे पल खूब रुलाते हैं
लेकिन साथ में हंसने का तरीका भी बताते हैं
जब भी इंसान की जिंदगी में दुख के पल आते है
वह इंसान अपना सब कुछ गवा देता है
लेकिन यह दुख के पल हमें बताते हैं कि सब कुछ खत्म हो भी जाए
तो सब कुछ नया भी बनाया जा सकता है-
मेरी सादगी ओर मेरी गरीब हैसियत को
आज पहचानने से इनकार किया है
कल मेरे व्यक्तित्व और मेरी हैसियत का निर्माण होगा
वही मेरी पहचान होगी
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