आज ग्राम प्रधान जी हमारे द्वार पे आए है,
सफेद कुर्ता सर पर गमछा बाँध आए है,
कुछ वादो तो कुछ ईरादो के साथ आए है,
लोंगो के आशीर्वाद या वोट के चाह मे आए है,
हाथ जोड़ अपने विनम्र भाव से आए है।
आज हमारे परिवार का हाल जानने आए है
शायद कुछ लालच दे कर कुछ पाने कि चाह मे आए है,
यूँ तो हर बार हमे ही जाना होता हैंं उनके द्वार पर अपनी फरमाइश को ले कर,
फिलहाल तो ग्राम प्रधान जी आए है।
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