लिख दूं मैं तो इश्क,मुहब्बत, लिख दूं मैं ही प्यार।
ढूंढ रहा हर जगह हूं मैं,मिले कोई तो मुझको यार-
भारत की पावन माटी को मैं माथे का चंदन कहता हूँ ... read more
कुछ उनकी तो कुछ अपनी सुनाने आया हूँ ,
मुझे भूल गए हैं जो भी उन्हें बताने आया हूँ ,
जिंदा हूँ मैं भी थोड़ा ध्यान रखो मुझ पर भी ,
बहुत दिन हो गया फिर तुम्हें सताने आया हूँ ।
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सन्देश सभी को दे जाऊं कुछ देश हित भी कर जाऊं
इच्छा इतनी है बस मेरी कि सब के मन में बस जाऊं-
यूँ ही गीत मुहब्बत के गुनगुनाया कीजिए
कभी प्रिय कभी प्रियसी को बुलाया कीजिए
कहेगी कामयाबी भी पास आकर एक दिन
क्यों रूठे हैं जी जरा हँसकर बुलाया कीजिए-
बड़ा नटखट है ए मुरली मनोहर
ए तो गोकुल में रास रचाता है
माखन भी खाए ए मटकी भी फोड़े-2
गोप ग्वालन को बहुते रिझाता है
बड़ा नटखट है ए मुरली मनोहर ..........
गईया चराए जाय उपवन में
बसता है ए सबके चितवन में
धुन मुरली पे सबको नचाता है
बड़ा नटखट है ए.........2-
यूँ रिश्ते की अहमियत मत गुमनाम कर दो
ए दिल की बात है साहब इसे कोई नाम दो-
वक्त की नज़ाकत समझ खुद को सम्हाल लिया
जैसा चाहा उसने मुझे मैंने खुद को ढाल दिया-
अब क्या कहें उन्हे हम जो खुद को भूल बैठे हैं
कांटों के बीच बनकर जो गुलाब फूल बैठे हैं
लेकर घूमते हैं जो शिकायत अपने जीवन की
ना जाने क्यूँ वे जीवन की खुशी को भूल बैठे हैं-
हिन्दी की करते बातें और अंग्रेजी गुण गाते हैं
ना जाने कुछ ऐसे लोग कहाँ से बात बनाते हैं
कहते हिन्दी शान हमारी हिन्दी ही सम्मान है
पर चोरी से सबसे कहते अंग्रेजी मेरी जान है
कहना चाहूँ उनसे मैं दो नाव सवारी ठीक नहीं
अंग्रेजी बस भाषा है हिन्दी के जैसी रीत नहीं
बोल सको तो सच बोलो या हिन्दी या अंग्रेजी
माँ ही माँ रह सकती कोई और बने तो ठीक नहीं
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उलझी हुई है जिन्दगी कुछ इस तरह इस दौर में
हम ढूंढते से फिर रहे अपनी कमी किसी और में-