मैं गुस्सैल गर्मी हूँ दहकती धूप सा
तुम छाया सा सुकून देती जैसे कोई आइसक्रीम प्रिये
मैं आवारा बादल घूमता फिरता एक पागल सा
तुम ठहराव हो मुस्कान भरी जैसे विचलित मन में शांति प्रिये
मैं पतझड़ में बिछड़ा कोई दर्द भरा एक टूटा फूल सा
तुम भी टूट कर चाहने वाली जैसे सुंदर प्यारी एक तितली प्रिये
मैं दाने दाने को लालहित रहता मांगता भीख भिखारी सा
तुम अन्नपूर्णा प्रेम सी खिलाने वाली जैसे कोई हो दया की देवी प्रिये
मैं "अमर" अबोध हूँ बड़ा हो कर भी एक छोटा बालक सा
तुम मुस्करा कर सबको माफ करती तुम तो दिल से बड़ी भोली प्रिये
मैं अस्तित्वहीन जीवन व्यतीत करता मानो उस वैरागी सा
तुम आस हो मिलन की जैसे कान्हा के बंसी सी मधुर धुन प्रिये-
बेटियाँ
खुशियों का ठीकाना होती है बेटियाँ,
जन्म से ही लक्मी होती है बेटियाँ,
पिता का गौरव होती है बेटियाँ,
मां की लाडली होती है बेटियाँ,
बहन की जान होती है बेटियाँ,
भाई की शान होती है बेटियाँ,
हर घर की दुलारी होती है बेटियाँ,
खुदा की नेमत होती हैं बेटियाँ
खुदा का तोफा होती हैं बेटियाँ
वह घर संवर्ग होता हैं जिस घर होती है बेटियाँ,
घर की चमक होती है बेटियाँ,
बहुत दर्द होता हैं जब दूर होती हैं बेटियाँ,
घर सुना आंगन खाली लगता है जब दूर होती है बेटियाँ,
बहुत याद आती है विदाई हुई बेटियाँ,
बहुत सुंदर होता है वो घर होता है जिस घर होती है बेटियाँ,-
आपको मुझसे कोई तकलीफ हो मैं नहीं चाहता,
बस मुझे मेरी खुशी प्यारी है।-
बड़ी समझदार पर थोड़ी भोली है,
मेरी छोटी बहना, मेरी हमजोली है।
दूध-सा है वर्ण, काजल-सी आंखें,
स्वप्निल दुनिया को दूर तक झांके।
तेज है दिमाग, खूब परिश्रम करती,
मेरी बात, मेरे भाव बखूबी समझती।
सकुचाती नन्ही कली-सी है कोमल,
निष्कलुष हृदय है, मन अति निर्मल।
बेहद प्यारी है "रीतू बहना" हमारी,
खुशियों से भरे सदा झोली तुम्हारी।
प्यार हम दोनों का हरदम बना रहे,
मोहिनी मुस्कान से अधर खिला रहे।
स्नेह के गुलाबों से ज़िन्दगी गुलाबी हो,
कदम-कदम पर तुम्हारे कामयाबी हो।
आशीष है तुम्हें बढ़ती रहो आगे सदा,
कृष्ण-कृपा बनी रहे, कटे सारी विपदा।
"श्रेया" की है इक अभिलाषा बहना,
कान्हा की शरण में सदा मगन रहना।
राधारानी तुम पर करें कृपा की कोर,
अंधेरा छटे जीवन से, आए सुख की भोर।-
ब्रम्हांड के ये तारे ज़मीं से कितनी दूर हैं |
तो क्या हुआ ऐ ज़िन्दगी |
संभाल कर रखना उस तारे को
जो सबसे ज्यादा शर्माता हैं |
क्योंकि वो कोई मामूली नहीं
इस पागल की सबसे प्यारी कोहीनूर हैं |-
कोई भी दुख उम्र से बड़ा नही होता..!
मुझे दुख इस बात का है कि उर्दू बोलने नहीं आता..!
उम्र के खत्म होने से पहले उर्दू सीखना चाहते हैं..!
क्या ये सम्भव हैं.!!-
संस्कृत की लाडली बेटी है हिंदी
सरस सरल सी मेरी प्यारी हिंदी
अंग्रेजी को लुभाती मेरी प्यारी हिंदी
सबके मन को भाती हिंदी की वो बिंदी
तुलसी कबीर सुर मीरा की प्यारी हिंदी
निश्चय ही वंदनीय है मेरी प्यारी हिंदी
यूं तो देश में कई है भाषाएं
पर उनमें सर्वश्रेष्ठ है हिंदी
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न जाने हिंदी क्यों प्यारी लगती है
अंग्रेजी हमेशा मुझे भारी लगती है
चख लेते जो कभी हिंदी की मिठास
उन्हें फिर दूसरी भाषा खारी लगती है
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चलो आज मैं एक नन्ही परी से मिलाती हूँ
इसको जन्मदिन की ढेरों बधाईयाँ दिलाती हूँ
वैसे तो मेरी छोटी बहन है पर
मेरी दादी अम्मा से कम नही है
नौटंकी तो इसके हजारों है पर
खाने में फेवरट पनीर और रसगुल्ले है
चॉकलेट की तो पूरी दिवानी है
कभी मेरा पढ़ने का मन ना करे तो
खुद ही मेरी कापी बुक लेकर दे जाती है
कभी झगड़ती है कभी रूठती है
मेरे रूठने से खुद ही गुस्सा हो जाती है पर
मेरे रोने पर सबसे पहले वही आँसू पोछने आती है
हम दोनों लड़ते है झगड़ते है पर
फिर भी एक दूसरे की जान हैं ।।
( Siddhu)
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हर धड़कन को प्यार है तुमसे "प्यारी माँ",मैं तो तेरी परछाई हूँ,
तेरे बिना कुछ अस्तित्व ही नहीं होता मेरा जहाँ में,मैं तुझसे ही तो आई हूँ!
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