मुजे मेरे सिवा कोई नही जानता।
किसी को अपनाया था मेने तो कीसी को ठुकराया था,
मेरे ही इश्क़ को मेने ख़ुद से ही खफा किया था,
अब में ही था मेरे अश्क में, ओर मेरी ही तनहाइयां,
तकदीर का मारा में,कुछ पाके भी कुछ आज कुछ खोया है,
ना सोया था ना रोया था, चला था में मेरी राह पे,
पाई है मंजिल आज मैने, तेरे कुछ यादो के लम्हों से,
गुफ्तेगू की है मेने, खुद के ही दर्द से,
लिखता गया में मेरे दर्द को,तेरी ही कलम से,
शोरत भी पाई दौलत भी, पर फिर भी ख़ाली सा हु,
कुछ गुफ्तेगू आज तुझ से करनी थी,
क्यू की मुझे तेरे सिवा कोई नई जानता ।-
एक खूबसूरत लड़की से
प्यारी सी मुलाकात हो गई
एक अजनबी से अपनेपन कि बात हो गई
तेरा साथ तेरी मीठी मीठी बात
वो पहली मुलाकात वो जोरदार बरसात
तेरे साथ भीगने का खूबसूरत एहसास
भीनी भीनी सी मिट्टी की खुशबू
वो गरम पकोड़ो के साथ चाय मज़ेदार
बिताना चाहता हूं अपना
हर पल इन खुशियों के साथ
चाहता हूं तुझे बनाना
अपनी जिंदगी का साझेदार-
"Majak" Toh tumhare
"Ishq" ne kiya hai,
Saare Mohlle me
bawal kar diya aur
mujhe Khabar tak nahi.-
गर तुझे पंसद है मेरी तमाम बातें
अपनी जिंदगी के किताब की पूरी कहानी
में मुझे सजा पायेगा क्या ?
गर तुझे कोई सुन ले ,तो तुझे "सुकून" बड़ा मिलता है
मैं हूं तुझे सुनने को अपनी पूरी "जिंदगी"सुना पायेगा क्या?
गर हूं तेरे छत की वो "सफेद गुलाब" तो ,
अपनी आँगन की "तुलसी" बना पायेगा क्या ?
तू कहता है मेरी भतीजी का "फूफा" है ,
मुझे अपने बच्चे की "माँ" होने का
वो खूबसूरत अहसास दिया पायेगा क्या ?
सपने देखता है तू मैं हूं तेरे रसोई में ,तो
अपने घर की "अन्नलक्ष्मी" बना पायेगा क्या ?
पसंद है तुझे मेरी मांथे पे वो "लाल बिंदी" ,तो
मेरी मांग भर अपनी "सुहागन" बना पायेगा क्या ?
गर हु पसन्द तुझे मैं "नीले साड़ी" में तो
"लाल जोड़े" में विदा करा लें जांयेगा क्या ?
🍃पूजा जांगड़े🦋
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मेरी शायरियों से तू कुछ यूं मशहूर है
तुझसे अंजान मेरी इस शहर में
मचा तेरे ही चरचे का शोर है।
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मान गया उसको यार
दो बातों में लुटा दिया इतना प्यार
एक बात से नाराज़ क्या हुआ उससे
वो प्यार से बोली सॉरी
फिर क्या था हो गई दिल की चोरी
सूरत इतनी भोली बातें उसकी चंचल
मीठी मीठी बाते उसकी खूबसूरत मन्न
नाम कर दिया उसके अपना पूरा जीवन
वो मेरी प्रीत में उसका प्रीतम-
रिश्ता बन गया तेरा मेरा जबसे
मै शिद्दत से निभाती रही,
इंसानियत का खयाल रख
तुझ पर प्यार जताती रही ।
शायद जिंदगी में कभी
तेरी मेरी मुलाकात ना हो,
पर तेरी यादें ना जाने क्यों
मुझे पल पल सताती रही।
रूह को आज भी एहसास है
तेरी रूहानी मोहब्बत का,
तेरी बुराइयों पर पर्दा डाल
तेरी अच्छाइयां गिनाती रही।
जब जब इन आंखों में
आंसुओ की परछाई नजर अाई,
तेरी बाते और तेरी अदाएं
मुझे खामोशियों में भी हसाती रही।
❤️
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कितनाे को ठुकराउ मैं तेरे लिए
कभी खुद को , तो कभी अपनों को रूलाऊ मैं तेरे लिए |
कितनी मोहब्बत थीं तुझसे
अपनी गलियों में जाकर तेरी दास्तान
सुनाऊ तो सुनाऊ मैं किसे ?
चाँद की तरह चमकता हूँ
फिर भी अमावस की काली रात से ड़रता हूँ ,
गिरते हैं तारे टूट कर ज़मी पर
लोगों को मन्नतें माँगते देखता हूँ |
लहरों की तरह मेरा भी एक ठिकाना हैं
कहीं ना कहीं जाकर मुझे भी रुक जाना हैं ,
रोकेगीं कैसे मुझे ये दुनिया
उन्हें भी तो मेरी तरह ,
किसी ना किसी दिन मिट्टी में मिल जाना हैं |
Sahani Baleshwar
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मम्मी पापा को अपनी बहू का चाहिए प्यार
इसलिए उनकी बहू की खोज में
निकल पड़ा यार
ना जाने किस गली
किस शहर में होगी तू
सोचता हूं क्या कोई होगी कोई
मेरे ख्वाबों की तरह हुबहू
जब भी मिलो शादी के जोड़े में मिलना
पकड़ के तेरा हाथ सीधा घर को चलना
तेरे लिए मना लेंगे उस रूठे रब को
बहुत दिनों से कुछ मांगा नहीं मांग लेंगे तुझको-
लम्हा बीत गया उनके इंतजार में,
मोहब्बत की राह में हर मोड़ था अंधकार में!
परवाना नहीं बनेंगे सोचा था मगर,
शमा बन जल गए रोशनी के चाह में!-