Dil_ Se   (Kabir)
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Joined 24 March 2019


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6 APR AT 15:03

Hey …. Old buddies… anyone active?

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6 DEC 2024 AT 7:56

कुछ लोग छुट गए है,
अपने होकर पराए हुए है,

वो यादें फिर से दोहरा रही हैं,
yq पे निगाहें तलाश रही है,

लौट आये है वो अश्क और इश्क़,
मोहब्बत फिर से ख़फ़ा हुई है ।

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6 DEC 2024 AT 7:51

सुप्रभात,


सुबह की सादगी में सुकून संभल जाता है ❤️

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21 SEP 2024 AT 14:31

तेरे लब से कुछ बिखरी हुई शिकायतें होगी,
जब कोई मुक़ाम पर फिर तुझ से मुलाक़ात होगी |

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8 SEP 2024 AT 16:47

जब जब दिल भर जाता है, तब तब तुझे लिख देता हूँ,
लोग ग़ज़ल समझते है और मैं तुझे बार बार इस तरह की लेता हूँ ।

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26 AUG 2024 AT 0:20

पल में रूठ जाती है, पल में खिल जाती है,

भीतर उठ रही तरंगें तुम संग जीने को उछल उछल कर मर जाती है ।

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21 MAY 2024 AT 8:34

पल में रूठ जाती है, पल में खिल जाती है,

भीतर उठ रही तरंगें तुम संग जीने को उछल उछल कर जाती है ।

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21 MAY 2024 AT 7:15

सुप्रभात आप सब को,

सुबह की रोशनी जैसा आप का दिन सुहाना रहे,
गुनग़ुनाता रहे,
एसी शुभकामनाएँ ।

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16 MAY 2024 AT 1:01

तलाश है मेरी प्रेम कहानी की ,
जिस के रंग में मैं बिखर जाऊ ऊम्रभर ।❤️

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15 MAY 2024 AT 8:57

सुप्रभात ।

मुस्कराहट से भरा आपका दिन ख़ुशनुमा रहे ।

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