Dil_ Se   (Kabir)
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Joined 24 March 2019


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27 OCT 2022 AT 12:41

चाय सा इश्क, और धुएं सी रूह,
शाम की फिजा में, उस घूंट घूंट मीठे जहर की बात ही कुछ और होती है ।

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26 JUN 2022 AT 21:26

वो तो मेरी रूह ने मेरी कलम से मुझे संभाल लिया,
वरना तेरी आशिकी मैं तो मेरी जिंदगी बगावत कर बैठी थी ।

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24 JUN 2022 AT 2:39

रात का खालीपन सब से अमीर लगता है,
बातें दिल की और सपने सब पूरे लगते है ।

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17 JUN 2022 AT 12:10

चाय की जुस्तजू की तरह है तुम्हारी मोहब्बत,
जब वक्त पे ना मिले तो होंठ तड़पने लगते है ।

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16 JUN 2022 AT 16:59

किसी ने कहा जलन होती है पर पास रहते नही,
कैसे बताए,
जलती रूह में ही मोहब्बत उम्रभर अमर होती है ,

करीब आते ही रफ्ता रफ्ता ये सिमट जाती है ।

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16 JUN 2022 AT 10:34

कल तक प्यार था , आज बदन की आग जल उठी,
जो फरेबी साथ उम्रभर देखा एक मृगजल,
वो भी आज झूठी बाहों में लूट ने को तड़प उठे ।

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16 JUN 2022 AT 10:32

मेरे इश्क की दहलीज पे तूने कदम रखे थे,
किस्मत की रुखसत ऐसी फरेबी निकली,
जिस्म की राहों में उनकी बेवफा निगाहें तड़प उठी ।

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16 JUN 2022 AT 0:16

चांद सी चांदनी का गुरुर भी टूट गया मेरा,
हादसे पे हादसे होते रहे,
दिल पर कांच से एक और नगमा लूट गया।

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6 JUN 2022 AT 7:36

दिन गुलाबी और फिजा सुहानी हो जाए,
चाय की चुस्की और दिल मलंग हो जाए ।

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21 MAY 2022 AT 22:50

तेरी खूबसूरती मैं पूरा शहर चांद पे सवार है,
बता कोई शख्स है जो सिर्फ आंखो पे बेशुमार है,
बहुत रोका खुदगर्ज दिल को तेरे खयालों में,
फिसलता वहीं जहां एक तरफा रूठा एहसास है ।

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