QUOTES ON #पिंजरे

#पिंजरे quotes

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मैं उस परिंदे
को ज़रूर आज़ाद करता हूं,
जो मुझे पिंजरे में नजर आता है।

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21 DEC 2020 AT 20:34

कौन पूछता है दोस्त पिंजरे में बंद पक्षियों को
याद वही आ व है जो उड़ जा व है।

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15 JAN 2018 AT 18:49

तेरे प्यार के पिंजरे में कैद सी हूँ
यादों के जंजीरों में जकड़ी हुई हूँ
पर यह दिल अब छूटना चाहता है
तुझे अलविदा कह, उड़ना चाहता है।

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1 JUN 2019 AT 10:59

गलती कहां है मेरी, मैं यह सोचती रही..
पूरी रात में तकिए पर सर रखकर रोती रही
*जिंदगी* को मैं अपनी समझ नहीं पा रही थी
खुदा से मिलने की इच्छा मन में आ रही थी..

पर उत्साह से भरी हुई, मैं एक कलम उठा लेती हूं
जो कुछ मन में आता है YOURQUOTE पर लिख देती हूं...
अब *कल्पनाएं मेरी बढ़ने* लगी है ...
मेरे दिल में एक *अजनबी की छवि* बनने लगी है..

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3 JUL 2020 AT 22:14

मुझे पिंजरे में रखने की हसरत को जरा काबू में रख
तुझे ख़बर नहीं शायद में क़फ़स को साथ लिए उड़ता हूँ

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29 AUG 2019 AT 17:29

बेमतलब जोड़ गुना भाग लगाते है
लोग बातो बातो में आग लगाते है

और जिन्हें पसंद होते है पंछी बहूत
जनाब वो पिंजरे नही बाग लगाते है

इंसान ही रहे ख़ुदा ना हो जाए कहीं
सो जान बूझ कर ख़ुद में दाग लगाते है

है ज़िद हमारी शहर में भी वही असद
सो हम गुलदान में भी साग लगाते है

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13 SEP 2020 AT 12:00

जिसे तुम आज़ादी कहते हो
वो गुलामी के खुले पिंजरे है l
माना के सांस आती जाती है,
पर चारों और फैले अँधरे है l

चुराए जाते पलकों से सपने
कैसा वक़्त और कैसे पहरे है l
जिधर देखो उधर दुख दर्द
हर एक आँसू पलकों पे ठहरे है l

~फौजी मुंडे sohan lal munday




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12 OCT 2018 AT 15:01

बचकर निकला था मैं, दर्द के पिंजरे से,
क्या पता था जाना है प्यार के पिंजरे में।


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22 AUG 2019 AT 22:41

मन को पिंजरे से आज़ाद कर ,
पिंजरे का पंछी बन कर ना ज़िन्दगी बरबाद कर।

क्यूं रो रहा है अंदर फूट - फूट कर,
जी रहा है ज़िन्दगी घुट घुट कर?

तू दिल के धागे खोल
मन की बाते खुद से बोल

जरूरत क्या है ऐसे जीने की?
सपनो को पिंजरे में सीने की?

स्वतंत्र भारत का स्वतंत्र पंछी बन,
अपने मन का तू संरक्षी बन।

मन पिंजरे से आज़ाद कर ।
पिंजरे का पंछी बन कर ना ज़िन्दगी बरबाद कर।।

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15 SEP 2019 AT 3:17

हल्दी, मेहंदी, कुमकुम, अग्नि के सात फेरे,
कल तक थे अजनबी, आज उनसे रिश्ते गहरे,
बिन पिंजरे जो बांधे हो, ऐसे ये भावनात्मक पहरे..

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