एक दिन भविष्य मेरे पास आ बैठा
मैं जी रहा था वर्तमान में, वो मुझे साथ ले बैठा
भूल जाऊं भूतकाल को, ऐसी ज़िद कर बैठा
मैं नासमझ था, सारे भ्रम पाल बैठा
कल की फिक्र में अपना आज गवां बैठा
मैं पथिक हूं मुझे चलते जाना है
हरपल मुझे खुद से बेहतर बनना है
याद रखूं अपने कल को,उसे अनुभव बनाना है
मुझे अब आज ही में जीना है!!!
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