मेरे घर के बगल में एक दरख़्त हुआ करता था
जड़े ज़मीन चीरती थी और डालि आसमान को छुआ करता था
उसकी पहलू में मौसम करवटें बदलती थी
उसके सीने में चांद छुपा करता था
मुस्कुराया करता था वो
जब चिड़ियों की चहकहाट से उसका महफ़िल सजा करता था
छाव ऐसी जो जलते रूह को सुकून दे
पत्ता पत्ता उसका नज़्म गाया करता था
मेरे घर के बगल में एक दरख़्त हुआ करता था
जड़े ज़मीन चीरती थी और शखाए आसमान को छुआ करता था-
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Simply An Aes... read more
पंख फैलाकर उड़ जाना
मुझे कभी नहीं आया
उड़ने की कोशिश में हर बार मेरे पाँव
जमीन में और गड़ गए
मेरा नाता मिट्टी से जुड़ा अंबर से नहीं
पंख शाखाओं की तरह धूप सावन झेलते रहे,
पाँव जड़ों की तरह और मजबूत होते गए
मुझे चिड़िया बनने से ज्यादा सही लगा
वृक्ष बनना
जिस पर कोई चिड़िया अपना घोंसला बना सके..-
तुमसे आदतें बहुत सी हैं,
जा चुकी हैं कुछ,
पर बाकी बहुत सी हैं।-
मेरे हिस्से का
वसंत जब आएगा
एक बार में सारे
पतझड़ ले जायेगा
बस
डर इस बात का है
के कहीं उसके आने तक
ख़त्म न हो जाए
मुझमें वसंत का मोह-
घाट का एक खामोश पत्थर हूँ मैं,
मैंने नदी के बहाव के हज़ार चोटें खाई हैं-
उगी है ज्योति जग को तारने को,
जन्मा है तू कभी नहीं हारने को-
थक गया है हर शख़्स काम करते करते
तू इसे अमीरी का बाज़ार कहता है।
गांव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास !!
तेरी सारी फ़ुर्सत तेरा इतवार कहता है-
इस दुनिया में हासिल भला क्या है ?
तेरे सिवा इबादत के काबिल भला क्या है ?
क्या करोगे सीने में नफ़रत को पाल कर ?
मोहब्बत के शिद्दत के मुक़ाबिल भला क्या है ?-
कुछ अजीब से होते हैं लोग
सब पाने की आस में सब खोते हैं लोग
जिंदा लोगों की कदर नहीं करते
तस्वीरें देख देख कर रोते हैं लोग-