QUOTES ON #नूतन

#नूतन quotes

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नित नूतन जो शोध कराती,
मानव की जिज्ञासा है..!

अन्वेषण की आदिम इच्छा,
हर संकट में आशा है..!

गति मिली श्रृंगार मिले,
हर सुख का मूल पिपासा है!

तर्क से वंचित जीवन जैसे,
तम का सघन कुहासा है.!

स्वतंत्र करो नित सृजन नये,
वसुधा पे बहुत हताशा है..!

सिद्धार्थ मिश्र



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1 JAN 2019 AT 10:17

नव पल्लव
द्योतक जो
नव जीवन का
देता वो
आशा नई
शीत से
ठिठुरे मन को
बिछड़े जो
गत वर्ष
पीत पर्ण
भूल अब
मन उपवन
है फिर
हर्षित
आया
पल्लव
नूतन




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आओ मिलकर कदम बढ़ाएं,
विश्वगुरु का गौरव लाएं..!

भूल चुकी है जिसको दुनिया,
ज्ञान,बोध के गीत सुनाएं..!

स्वतंत्र रहें,हर स्वार्थ भाव से,
परमार्थ के दीप जलाएं..!

सृजित करें हर क्षण कुछ नूतन,
नये नये प्रतिमान बनाएं..!

सिद्धार्थ मिश्र

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जो बीत गया उसका शोक मनाने से श्रेष्ठ है , उसी नकारात्मक ऊर्जा से शंखनाद करें जिससे नूतन व सकारात्मक ऊर्जा का जन्म हो ।

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22 SEP 2017 AT 11:26

नई सुबह,नया भोर
जाती रही रात्रि घनघोर
नव दिवा का स्वागत
कर लो पुरज़ोर..
रहे हृदय स्पंदित
मन हो न कुंठित
है ईश का आगमन
ये श्वासों का आवागमन
नित नूतन,नित नवीन
यह जीवन बने प्रवीण...

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22 OCT 2022 AT 19:13

पटाखे भी
कितने अजीब चीज है
नूतन वर्ष पर
199 देशों में फूटें तो
खुशियां लाते हैं
और दिवाली पर
भारत में फूटें तो
प्रदूषण लाते हैं

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31 DEC 2020 AT 12:46

बीते हुए वर्ष में जिन अपनों का प्रेम, साथ और विश्वास मिला। उसके लिए हृदय की गहराइयों से सभी का बहुत-बहुत आभार...🤗💐
🌄आने वाले वर्ष में जिन अपनों का प्रेम, साथ और विश्वास मिलेगा। उसके लिए हृदय की गहराइयों से बहुत-बहुत अभिनंदन...💐🤗
सभी के लिए, भाव भरे, ईश्वरीय समर्पण के साथ नए वर्ष की ईश्वरीय शुभकामनाएं... आप सभी का जीवन हरपल मंगलमय हो।...💐🤗🤲🙏


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29 JUL 2021 AT 19:06

तुम्हें सोचकर सारी टेंशन मिट जाती है
उदास चेहरे पर मुस्कान खिल जाती है

तुम भोर की पहली किरण हो
जिसे पाकर हर कली खिल जाती है

तुम मलय पवन चंचल चंन्द्रमा हो
जिसके साथ होने पर वादियां मुश्कातीं हैं

तुम मौसम की पहली बारिश हो
जिसे देखकर जिन्दगी खिल जाती हैं

तुम आथाह सागर हो
जिसमें सब नदियां खो जाती हैं

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26 MAY 2021 AT 9:06

चलो,, बुद्ध की परम्परा को नया बनायें।
अपनी "यशोधरा" को अपने संग ले जायें।।
🙏🙏🙏

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22 SEP 2021 AT 13:57

झरझर झरती बारिश की बूदों सा
यारों इश्क भी कोमल है फूलों सा

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