नुक्ताचीनी से ही फुरसत ना मिली जिनको
हकीकतों से रूबरू वो हो पाएँ किस तरह
उलझकर उंगली के इशारे तक रही जो
चाँद तक वो निगाह जाएँ तो किस तरह-
कोई कहे मैदा जहर कोई कहे है चीनी
मैं कहूँ कडुवे बोल जहर ये हकीकत है जमीनी
कछु ऐसा न बोलिये जो अंदर तक धँस जाय
जो जैसा तस स्वीकारिये काहे की नुक्ता चीनी-
" दिल भी कितना नुकताचीन है .,
साहब खाली हाथ है और ख्वाब सारे हसीन है .!"
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महाशय
तपती आग में खुद को झोकना पड़ता है,
चिलचिलाती धूप में खुद को तपाना पड़ता है,
सर्द रातो को अपना बनाना पड़ता है,
अथक परिश्रम, दृढ़ निश्चय से नाकामयाबी को कामयाब करना पड़ता है!!
पूर्ण विश्वास से मन को भिगोना पड़ता है,
नुक्ताचीनी को गले लगाना पड़ता है,
असफलता को सहारा बनाना पड़ता है।।
सफलता यूँ ही नही मिलती,
ए मुसाफिर तू चल, राह है कठिन,
पर जोश, समर्पण से आधीँ, तूफान में भी उड़ चल,
डट कर मुकाबला कर उन व्याधियों से,
जो रास्ता रोक कर खडी हुई है,
तू चल, पार कर मंजिल को,
तू देखता जा, अंगारो पर तू चलता जा,
सोना सा तू पिघलता जा,
सफलता के कदम चूमता जा!!
सफल होता जा....
Damini jain
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कवि की है कल्पना, जो गागर में सागर भर दे,
लम्बी कथाओं को चंद शब्दों में उजागर कर दे ।।
नुक्ता निकालने वाले तो बालों के भी खाल निकालते हैं,
कहने के लहजे से, बातों के अर्थ बदल जाते हैं ।।-
बड़े बेअदब हो तुम कुछ भी बोला करते हो
बेबाकी से निकले हर्फ़ों को, क्या तोला करते हो
इल्ज़ामात लगाते हो कि परवरिश मेरी ठीक नहीं,
पर कभी खुद की औलादों को तालीम सिखाया करते हो....।-
✍🏻🐦आज का अनुभव🐦✍🏻
आप को अपना कर्म करते हुए कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा से करते रहना चाहिए..
लोगों का काम है नुक्ताचीनी और विपरीत दिशा में भर्मित करना..
एकाग्रता से अपना काम करो.. मस्त रहो.. स्वयं की संतुष्टि जरूरी है कोई कुछ भी कहे..
ख़ुश रहो, मस्त रहो, स्वस्थ रहो..✍🏻🐦— % &-
हम किसी की निंदा सिर्फ इसलिए करते है क्योंकि हम वो सब नही कर पाते जो वो कर लेते है
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