Umesh Gupta   (हस्ताक्षर)
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एक कवी,एक लेखक और कुछ अधूरी जिज्ञासाएं
Joined 30 November 2017


एक कवी,एक लेखक और कुछ अधूरी जिज्ञासाएं
Joined 30 November 2017
20 APR AT 9:54

" बस जरा ढूंढ़ना है अपनी सिपी में छुपा मोती.,
कौन कहता है की तुमसे कविता नहीं होती..!"

" स्पन्दीत प्रकुति के हर कण में है,संगीत सुनो.,
भला क्यों अकारण धरा, निर्माण के बीज बोती..!"

" कौन कहता है की तुमसे कविता नहीं होती..!"

" पर्वतों से फूटे झरने, सिंचे सारी वसुंधरा..,
जब तक न हो पुष्प पल्लवीत, सृष्टी नहीं सोती..!"

" कौन कहता है की तुमसे कविता नहीं होती..!"

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18 APR AT 22:20

" अपनी बात कुछ इस तरह भी कही जाए..,
जैसे नदी कोई सागर की और बही जाए..!"
" जहाँ हर लफ़्ज़ में छुपी दरिया की प्यास हो..,
ठहराव इतना की तूफ़ान भी नजर नहीं आए..!"


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10 APR AT 21:20

" तेरे मेरे दरमियान कुछ नहीं..,
चल एक झूठ और सही..! "
" ये बात बस तेरे मेरे बीच रही..,
चल एक झूठ और सही..! "
" एक नदी खामोश सी बह रही..
चल एक झूठ और सही..! "

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10 APR AT 16:23


" भले किसी का सपना पूरा न कर सको लेकिन उससे एक बार यह जरूर पूछना की ' उसका सपना क्या है ? ' फिर कहीं तुम्हे यह एहसास होगा की पूरी उम्र गुजर जाती है एक दूसरे के साथ लेकिन हमें कभी यह ख्याल ही नहीं आता की जो शख्स हमारे साथ इतने बरसो से है उसके साथ हम कितने कठोर थे की कभी इत्मीनान से बैठकर उससे बात ही नहीं की, कभी कोशिश ही नहीं की, की ' वो आखिर करना क्या चाहता है ? बनना क्या चाहता है ? ' ऐसे कई सफर यूँही अपने मक़ाम पर बिना पहुँचे ही खत्म हुए और दम तोड़ गए.., क्यूंकि वे कभी सुने ही नहीं गए, कभी पूछे ही गए...! एक शुरुवात जरुरी है..! सुनना भी जरुरी है..! पूछना भी जरुरी है...! कुछ न कर सको तो बस इतना जरुरी है...!"

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17 MAR AT 14:59



" जिस साफ़गोई से उसने मना कर दिया..
हम क़त्ल भी हुए और आह भी न कर सके..!"


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17 MAR AT 10:30


" गुलिस्ताँ को तमाम फूलों की जरुरत है...,
किसे नापसंद करूँ यहाँ सारे खूबसूरत है..!"

" कोई कसर छोड़ी नहीं हमने भी जीतने की..,
उसकी जीत बड़ी है मगर हम हारे खूबसूरत है.!"

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17 MAR AT 10:26


" गुलिस्ताँ को तमाम फूलों की जरुरत है...,
किसे नापसंद करूँ यहाँ सारे खूबसूरत है..!"

" कोई कसर छोड़ी नहीं हमने भी जीतने की..,
उसकी जीत बड़ी है मगर हम हारे खूबसूरत है.!"

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14 MAR AT 19:14

" हर लम्हा, हर पल तेरे संग, दीवानगी है..,
हर सांस आती जाती मलंग, दीवानगी है.,
वो ख्याल कोरा है जिसमें तू नहीं शामिल ..
और, जिसमें तू है, वो हर रंग दीवानगी है..!

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12 MAR AT 18:56

" दरिया देखता है हौसला मेरा..,
और, मेरे जेहन में दरिया कहीं नहीं..!"

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10 MAR AT 7:17

" जिंदगी का सफर जीतने के लिए नहीं जीने के लिए है, जीतने के चक्रव्यूह में फसकर जीने का आनंद लेना न भूले..!"

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