सियासतों के दौर में निश्छल प्रेम में हैं
इक सांवली सी लड़की से ताल मेल में हैं
नफा, नुकसान न दैर ओ हरम का डर है मुझे,
जीतना हारना जो भी हिस्से आए हम प्यादे हैं जो खेल में हैं....।-
Rahulyadavpm इसी नाम से आप हमे इंस्टाग... read more
पिता का बच्चो के प्रति जो प्रेम होता है उसे वह बहुत कम प्रदर्शित करता है किन्तु बिना कुछ बोले वो सब समझ जाता है और किसी को एहसास करवाए बिना वह सब करता है दुख में वह सबसे अग्रिम पंक्ति में रहता है तो वहीं सुखों में सबसे अंतिम, वह सुख दुख के इस संगम को अपने अंदर समाहित किए रहता है, पिता की मौजूदगी बच्चों को ऐसी छांव देते हैं जिसमें बच्चा अपना बचपन और जवानी जीता है पिता ही ऐसा शख्स है जो अपनी संतानों को अपने से बहुत ऊंचा देखना चाहता है वैसे तो पिता के प्रति प्रेम व सम्मान का कोई खास दिवस नहीं होता पिता से ही हर दिन का निवाला है पर पिता का होना ही जीवन की सबसे बड़ी दौलत और उपलब्धि है...
पितृ दिवस पर उनको समर्पित मनोभाव-
तुम्हारे छोड़ जाने पर खतरा इस बात का हो जाएगा
मुझे लगता है मेरी शायरी का अंत हो जाएगा
तुम मिले थे, तो शब्दों का ढेर था मेरे पास,
अब छोड़कर जाने पर तुले हो तो खजाना खाली हो जाएगा...।-
सांसों की रहमत से जी रहा हूं और कुछ नहीं
घुले गरल को बस पी रहा हूं और कुछ नहीं
जिंदगी है तो उसमें फजीहतें भी हजार होंगी
जो मिले हैं ज़ख्म, तो सी रहा हूं और कुछ नहीं
कौन करता है कितनी मोहब्बत ये जनता हूं मगर
बेवजह ही राज खुल जाएंगे कईयों के और कुछ नहीं
जिनकी बातों से लगता है दिलो जां हमी पे लुटाएंगे
वो भी मेरी खिलाफत में साजिश रचते हैं और कुछ नहीं
दौलत-ए-दुनिया कौन ले जा पाया इस जहां से उस जहां
हसरते हैं लोगों को कितनी कौन जाने सबकुछ यहीं रह जाना है और कुछ नहीं...।
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एकदिन घर के दरवाजे से ठोकर लग गई
उसकी बातें मेरे दिल में इस कदर लग गई
वो बोला फिसल गया तू मेरे तरासे हुस्न पे,
मेरे चमकते बदन और साज-ओ समान पे
करता हूं हिफाजत तेरे घर तेरी जागीर की
परख रखता हूं मैं हर किसी के जमीर की
इजाजत के बगैर कोई प्रवेश कहां करता है
जो आता है मुझे झुककर नमस्कार करता है
सुनता रहा कुछ देर फिर उसको जवाब दिया
उसकी मगरूरी को उसकी आवाज सुना दिया
तुझमें तेरा अपना कहां कुछ है
लगता है मुझे तू भी कहां खुश है
दरख्तों से कुछ सौदा किया है हमने
गढ़ के तेरा रूप पैदा किया है हमने
फजाओं से रंग लेकर तुझे सजाया है हमने
लोहे को पिघला तेरा आभूषण बनाया हमने
तुझे अब भी गुमान है उस बात का
मैंने नजर अंदाज कर दिया जिस बात का
तू क्यूं अपने दुखड़े रोता है अच्छा नहीं लगता
तू भी सयाना हो गया, कोई बच्चा नहीं लगता
और कितनी कमी गिनाऊ तेरी अच्छा नहीं लगता
तू फरेब का धंधा करता है मुझे सच्चा नहीं लगता...।
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कुछ किस्सा लोगों से इस तरह छुपाया करती है
कुछ होकर कुछ होने का माहौल बनाया करती है
नादान है वो ये न जाने सब जाने उसकी बातों को,
अब कौन कहे उसकी आँखें हर राज बताया करती है
स्वप्न किसी का देखे वो या देखे उसे कोई सपनों में,
बार बार की हलचल ये जज्बात बताया करती है
लाख करे कोशिश कोई पर्दा न उठे कहानी से,
ज्यों ही पूंछे कविमन उससे गीत सुनाया करती है
कुछ किस्सा लोगों से इस तरह छुपाया करती है
कुछ होकर कुछ होने का माहौल बनाया करती है...।
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चेहरे पर तेरे खुशियां बरकरार हो
होठों पर तेरी हंसी का इकरार हो
उम्र बढ़ती रहे और ये दोस्ती भी,
गम आए न एक भी ये दुआ सौ बार हो...।
Happy Birthday dear 🎁🎂🎈-
Tu aya hai to kuch pal khas hoga
Nye sal me nyi umang ka vishwas hoga
Jo tu bhi auro ki tarah khudgarz nikla to
Such kahu Dil fir ek bar udaas hoga.....
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गुजर रहा है तो ये जान ले तू मेरी जिंदगी का हिस्सा है
आज के दिन तू साथ है लेकिन कल के लिए किस्सा है
जब आया था तो दिल में अरमानों के दीप जले थे
खाबों को पर लगे थे और उम्मीदों के फूल खिले थे
सोंचा था इस बार सब कुछ ठीक हो जाएगा
जो पहले गुजरा उससे कुछ बेहतर हो जाएगा
छीन लिया है तुमने मेरी खुशियों का खजाना
जा अब चला जा फिर से लौट के मत आना...।
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