QUOTES ON #नानाजी

#नानाजी quotes

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3 SEP 2021 AT 23:33

आंगन के पेड़ कि जड़ आज खोखली हो गई
देखते ही देखते टहनियां पंखुरिया पत्तियां सब अकेली हो गई,

जिनके शीतल छांव में मैं क्या,मेरी मां ने भी गुजारी थी बचपन,
जिनके रथ से चला था हम सबका जीवन,
वो कालचक्र के चलते रथ से बिना थके ही उतर गए,

जिनकी बस परछाइयों से दमकता था घर आंगन,
वो जलता हुआ दिया देखते ही देखते बुझ गए,

ईश्वर का ये विधान है जो आया है वो जाएगा
जब तक जीवन है खुश रहा किजिए
जिन से मिलना हो मिल लिया किजिए
क्यूंकि सलीका सिखाकर जीने का ना जाने
कौन कब बस याद बन रह जाएगा..!!!
:--स्तुति

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कुल के आंगन का सबसे पुराना शज़र गिर गया,
अंजाम पर ज़िंदगी का फ़साना आज़ बिखर गया।

जिसकी शीतल छाव में गुजरा था बचपन हमारा,
वो कालचक्र के चलते रथ से थक कर उतर गया।

जिनकी परछाइयों से ही घर रौशन हुआ करता था,
वो जलता हुआ दिया आज़ टाँड़ पर से गिर गया।

ईश्वर का बनाया विधान है जो आया है वो जाएगा,
सलीका सिखाकर जीने का कोई अपना गुज़र गया।

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11 MAY 2021 AT 14:52

हमारे परमपूज्यनीय नाना (श्री गुरु प्रसाद जी) जो झाम बाबा में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे, *जिनके चरणों में मेरा सम्पूर्ण जीवन था।* 😭 कल 10/05/2021को 8:35 पे हम सब को अकेला छोड़ के इस दुनियां से चले गए।
😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭

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प्यारे नानाजी ,
आज आपकी बहुत याद आ रही है , इतनी की आँखे नम हो जा रही हैं बार बार । आप समय से पहले क्यों चले गए हमे छोड़कर । आपसे बहुत सारी शिकायतें हैं । आपका मुख तक याद नही मुझे । मुझे मम्मी बतातीं हैं कभी -कभी कि मैं आपसे केवल जलेबियों की ज़िद करती थी । आप शाम को मेरे लिए विद्यालय से आते वक्त जलेबियाँ खरीदकर लाते थे । सबके नाना आतें हैं , सब खुशी मुझसे बतातें हैं । आप भगवान से थोड़ी और मोहलत मांग लेते , मेरे लिए , अपनी बेटी के लिए । मम्मी आपको बहुत याद करतीं हैं । रो पड़तीं हैं कभी कभी ।मामा आते हैं लेकिन वो प्यार नही जो आपसे मिलता था। बचपन मे शायद आपको समझकर ही बड़े मामा से जलेबियों की ज़िद करती थी ।, मुझे याद है । लेकिन वो ज़िद आजतक वो नही पूरी कर पाए।इस व्यस्त समय में सब अपने अपने मे व्यस्त हैं । लेकिन आप अपनी नातिन के लिए जरूर आते। आज भी मामा आये थे । लेकिन कहीं न कहीं आपकी कमी खल रही थी । छोटे मामा भी प्यार करते हैं । पर कोई आपकी जगह नही ले सकता । आप जैसा प्यार कोई नही कर सकता । कोई नही पूछता कि तुम्हे जलेबियाँ खानी हैं , जबकि सब जानते हैं कि मुझे कितनी पसंद हैं जलेबियाँ ।
आपकी नातिन

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2 JUL 2021 AT 13:07

" वो थपकी प्यार की....."


(कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें)
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16 JAN 2019 AT 16:52

काश वो युग फिर से आ जायें
नाना के कुर्ता से अठनी
निकाल बाज़ार में चल जाए

रौशन...✍️

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15 SEP 2020 AT 19:39

आज यहाँ सब कुछ अंजान सा लगता है,
नाना तुम जबसे छोड़ के गए हो,
पूरा गाँव वीरान सा लगता है॥

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21 JUN 2022 AT 19:08

आप स्बयं प्रकाश हो...
कौन रोक सकता है
रोशनी बाण्टने से।।
आप स्वयं धैर्य हो...
कौन रोक सकता है
धैर्यशील होने से।।

नानाजी आपका जीबन दर्शन से
बेहद प्रभावित हु मे।।

बस रबसे यही प्यारा दुआ है
आप सबसे खुशी बाण्टते रहिए।।
आपसे शिक्षा पाई हे हमने,
खुशी सिर्फ बाण्टने से
बढता रहता है।।

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14 FEB 2022 AT 19:54

तू अमोलक था मेरा,तू ही मेरा संसार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।
जाने कहां तुम चल गए,सूरज के जैसे ढल गए।
यह बात अब हमको ही ना,सारे जहां को खल गए।
बनता कोई ना अब सहारा,अब ना कोई है हमारा।
सब दिन जो गुजरे साथ तेरे, अब करूं कैसे गुजारा।
सब पड़ गए फीके यहां,ऐसा ही तेरा प्यार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।

दिल में मेरे इक दीप सा,जलता है मेरे साथ तू।
भटके हुए पथ को दिखा,चलता है मेरे साथ तू।
करता हूं तुम को मैं नमन,चरणों में रख रख के सुमन।
सब मिट गए देखो ये तम, चहका हुआ सारा चमन।
है नमन तुमको, कि तू इक ब्रह्म का अवतार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।
तू अमोलक था मेरा,तू ही मेरा संसार था।
हर पल संभाला था मुझे,जब भी कभी लाचार था।

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17 SEP 2024 AT 11:34

पहले कदम से पहली कलम तक का सफर मैं,
आपकी वजह से ही कर पायी,
परवाह करती थी आपकी बहुत मैं,
फिर भी कभी आपको जता नही पायी
यूँ तो मुस्कुरा देती हूँ आज भी मैं,
छोटी - बड़ी बातों पर
लेकिन
नानू, आपकी ये बेटी हँसना तो भूल ही गयी
आप क्या गये मेरी तो ज़िंदगी ही बदल गयी।

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