जरूरत नहीं मुझे और ना तुझे है
फिर जुदाई से क्यों बैचैनी बढ़े है-
खामोशी पढ़ना तुम्हें आया ही नही.....♀
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वो जो बीच मजधार में
रख कर चलें गया
उस से पूछना उन यादों
को क्यों छोड़ गया
बिताए थे जो साथ कभी
क्या उस वक़्त को भुला दिया
वो तसवीरें जो सौख से लिया
था क्या उसे भी मिटा दिया-
मेरे लिए हर चीज देरी से ही आई
और जो मिला वो तूरंत ही गवाई
कुछ तो बट कर हिस्सो में ही आया
कुछ जगह मन मारा तो कुछ जगह
खामोशी छाई-
ले कर मेरा चैन-ओ-सुकून
वो कहता है मुझे अब खुश रहना है-
शायद उसे कुछ याद ना हो
आज उसके लिए कुछ खाश ना हो
रहे सलामत ये हम दुआँ करते है
पर ऐसी मोहब्बत किसी के पास ना हो-
एक शहर में रह कर
एक शहर के हो कर
एक मुकाम पा कर
अच्छा लगा दो बिहारी को देख कर-
जैसे लड़कियाँ को समाज बदचलन पुकारता है
वैसे ही लड़को को बेवजह आवारा कहाँ जाता है-
हम दोनों यहाँ भी अपने लिए नहीं सोच पाए
इश्क़ तो किए पर घरवालों के लिए दूर हो गए-
पाँच लड़कियों के साथ रिलेशनशिप में रहने वाला वो लड़का
और फिर भी आज की लड़कियाँ के लिए वो बंदा रोलमॉडल है
लाइव प्रसारण ऑन कैमरा हो तो गले जो लगे उस लड़कियों को छूता नहीं
और बंद कैमरा के पीछे न जाने कितनी छिछोरी हरकते करता ऐसी है ये बॉलीवुड इंडस्ट्री-