साँसों में घुल कर मदहोश सी कर गयी ,
सीधे दिल में उतरी और नशे सी चढ़ गयी ।-
याद है क्या वो अपना हाथ थामे चलना..
उस रात के नशे में सितारों को बैठे गिनना..
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लोग रोज नसें काटते हैं,
प्यार साबित करने के लिये,
पर कोई
सूई भी नही चुभने देता,
रक्तदान करने के लिये।
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हाँ पश्चाताप कर रहा हूँ,
उन गलतियों का,
जो मैंने कभी किया ही नहीं।
हाँ पश्चाताप कर रहा हूँ,
उन लफ़्जों का,
जो मैने कभी कहा ही नहीं।
हाँ पश्चाताप कर रहा हूँ,
उन गुस्ताखियों का,
जो मैने कभी इश्क़ में किया ही नहीं.!
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घनी जुल्फों के बाद अंधेरे में रहना सीखा
मुझको भी अब किसी का खौफ नही होता,
अगर तुम बने रहते जिंदगी भर की आदत
तो हमको भी कोई नशे का शौक़ नहीं होता।
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ठुकराओ अब के प्यार करो मैं नशे मे हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे मे हूँ
अब भी दिला रहा हूँ यकीने वफ़ा मगर
मेरा न ऐतबार करो मै नशे में हूँ-
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा
बस इतना जान ले
की मज़े में
हूँ मैं।।
अरे किसी से मोहब्बत
हो गयी थी
मुझे भी...
आज तक उसी का खुमार
है मुझको हाँ उसी
के नशे में
हूँ मैं।।-
वो सपनो की चादर जो फट गयी है
नशे में ही सही आज उसको सीते है,
चल थोड़ी पीते है-
न जाने उस रोज नशे में क्या कह दिया हमने,
जो अब हम मयख़ाने जाते हैं
और महफ़िलें खुद ब खुद जम जाती हैं।-