थी मुझसे वो महफ़िल भी खफा....
जहां तेरे नाम का जिक्र मैन किया ही नही ।-
कुछ मेरे लफ्ज़ हैं,
कुछ तेरा एहसास ।
#yqbaba #yqdidi
थी मुझसे वो महफ़िल भी खफा....
जहां तेरे नाम का जिक्र मैन किया ही नही ।-
तुमसे मिलकर एक ख़्वाब को
याद किया था..
तुमसे बिछड़कर उसी याद् का
ख़्वाब आ रहा है..
-
कुछ तुम नादान हो..कुछ मैं दीवाना..
कुछ तुम कहानी हो..कुछ मै फसाना..
-
मैं कुछ अधूरे ख़्वाब लिख दिया करता हूं
वो उन्हें पढ़ के पूरा कर देती है..
-
मैं शाम सा कभी ढलता हूं..
वो सवेरे सी उभर आती है।
मैं जाम सा कभी छलकता हूं..
वो प्याला बन संभाल लेती है।
-
Hone ko ek pal bhi kaafi hota hai,
Mitaane mein mohobbat ke daag ek umar lagti hai.
-Kundan Singh-
उसे लगा वो इत्तेफाकन मुझसे आ मिली..
'मैंने राहों में अक्सर उसका इंतज़ार किया था..
-
याद है क्या वो अपना हाथ थामे चलना..
उस रात के नशे में सितारों को बैठे गिनना..
-